उन्होंने कहा राजनीतिक दलों का एक दूसरे पर आरोप लगाने का काम हमेशा से होता आया है, पर जनता के कल्याण के लिए पीएमके ने यह समझौता किया। उन्होंने कहा पीएमके गलत करने वालों को सजा दिलाने की बात पर अब भी अड़ी है इसलिए विभिन्न आरोपों में लिप्त एआईएडीएमके के मंत्रियों की शिकायत सूची राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को सौंपी गई है। अगर लगे आरोप सही साबित हुए तो उनके खिलाफ आवाजा उठाने में पीएमके पहली पार्टी होगी।
उन्होंने कहा अगर एआईएडीएमके के साथ गठबंधन किया गया है तो इसका मतलब यह नहीं कि पीएमके अपनी नीति को भूल गई है। उन्होंने कहा पीएमके पहले ही राज्य की २१ विधानसभा सीटों पर होने वाला उपचुनाव लडऩे की घोषणा की थी, लेकिन पार्टी ने यह कभी नहीं कहा कि उपचुनाव में किसी पार्टी का समर्थन नहीं किया जाएगा। वर्तमान में राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय जे.जयललिता और एम. करुणानिधि की अनुपस्थिति में चुनाव जीत कर लोगों के कल्याण के लिए गठबंधन करना जरूरी हो गया था। डीएमके सहित राज्य की सभी प्रमुख पार्टियों से बातचीत हुई थी, क्योंकि चुनाव के समय यह बहुत ही सामान्य है लेकिन रामदास ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श कर एआईएडीएमके के साथ गठबंधन करने का निर्णय लिया।
अन्बुमणि ने कहा डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन लगातार आलोचना कर रहे हैं तो सिर्फ इसलिए क्योंकि पीएमके ने डीएमके के साथ गठबंधन नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित आठ लेन ग्रीन कॉरिडोर का पार्टी विरोध करती रहेगी, इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगी।