पहले भी हो चुके है हमले
14 फरवरी, 1998 को कोयम्बत्तूर में सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 58 लोग मारे गए थे। एक घंटे के अंतराल में 11 जगहों और 12 किमी के दायरे में 12 विस्फोट हुए थे। 200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। विस्फोट भाजपा नेता और तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी को निशाना बनाकर किए गए थे, जो बाल-बाल बच गए थे। हमले के पीछे आतंकवादी संगठन अल-उम्मा था और संगठन के संस्थापक एस ए बाशा सहित संगठन के कई नेताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
23 अक्टूबर 2022 को कार बम विस्फोट हुआ था। यह घटना दीवाली की पूर्व संध्या पर हुई थी। यह विस्फोट बाजार से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर हुआ था। एसए बाशा के भतीजे समेत सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और एनआईए ने इन लोगों से कई बार पूछताछ की थी। पिछले सितम्बर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) पर प्रतिबंध के बाद संगठन के प्रमुख गुर्गों में से एक केरल का रऊफ पकड़े जाने से पहले कोयम्बत्तूर में मौजूद था।