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कर्मचारियों से कोविड-१९ परीक्षण के लिए जबरी नहीं कर सकती कंपनियां: विजयभास्कर

locationचेन्नईPublished: Mar 18, 2020 05:07:25 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

Companies must not force employees राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर ने बुधवार को कहा कि राज्य की सरकारी और निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ कोविड-१९ का परीक्षण कराने का तब तक जबरदस्ती नहीं कर सकती जब तक उनमें उसके एक भी लक्षण ना दिखे।

कर्मचारियों से  कोविड-१९ परीक्षण के लिए जबरी नहीं कर सकती कंपनियां: विजयभास्कर

कर्मचारियों से कोविड-१९ परीक्षण के लिए जबरी नहीं कर सकती कंपनियां: विजयभास्कर


चेन्नई. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर ने बुधवार को कहा कि राज्य की सरकारी और निजी कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ कोविड-१९ का परीक्षण कराने का तब तक जबरदस्ती नहीं कर सकती जब तक उनमें उसके एक भी लक्षण ना दिखे। विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा मंगलवार शाम को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर मैने राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल के चार परीक्षण केंद्रों का निरीक्षण किया। उनमें से एक परीक्षण केंद्र में मुझे एमएनसी का एक कर्मचारी मिला तो मैने उससे पूछा कि वे परीक्षण क्यों कराना चाहता है। जिसके जवाब में कर्मचारी ने कहा कि उसे खांसी आ रही थी जिसके बाद कंपनी ने कोविड-१९ का परीक्षण करा कर प्रणामपत्र लेकर काम पर आने को कहा है।

 

सर्दी, खांसी, उच्च बुखार और दस्त ना हो

मंत्री ने कहा जब तक किसी को सर्दी, खांसी, उच्च बुखार और दस्त ना हो तब तक उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है। साथ ही कर्मचारी से पूछा कि क्या वे पिछले कुछ दिनों में ऐसे देश या ऐसे किसी राज्य गया था जहां पर कोरोना ज्यादा फैला हो। जिसके जवाब में कर्मचारी नहीं कहा कि ऐसे कहीं नहीं गया था। जिसके बाद मैने उससे कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को कोविड-१९ का जांच करा कर प्रमाणपत्र लाने को कहेंगी तो इससे कर्मचारियों की चिंता बढ़ेगी और परीक्षण केंद्रों में जांच के लिए लाइन लग जाएगा। इसलिए कोई भी कंपनी बिना लक्षण के किसी भी कर्मचारी को जांच के लिए जबरी नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल में गुरुवार से वायरस की जांच के लिए एक और केंद्र का संचालन शुरू होगा।

 

१०० से अधिक लोगों का जांच होना संभव

प्रत्येक केंद्रों में १०० से अधिक लोगों का जांच होना संभव है। विजयभास्कर का यह जवाब डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन और डीएमके सदस्य के. पोनमुड़ी द्वारा उठाए गए सवालों को लेकर था। निजी अस्पतालों को परीक्षण करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं के जवाब में मंत्री ने कहा राज्य सरकार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से अनुमति मिलने का इंतजार है। कोविड-१९ के पीडि़त लोगों के इलाज के लिए दवा तैयार करने का दावा करने वालों के साथ चेन्नई और विदेश के रिसर्चर करीबी बनाए हुए है। इसके अलावा विशेषज्ञों के साथ भी चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उचित कदम उठाने के साथ ही सरकार उसके इलाज के लिए दवा की तलाश भी कर रही है। स्टालिन ने कहा कि यूएसए दावा कर रही है कि उसने वायरस से लडऩे के लिए दवा तलाश कर रही है तो क्या इसके बारे में राज्य सरकार को जानकारी है या नहीं।

 

निमय के विरुद्ध जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी

जिसके बाद विजयभास्कर ने कहा मंगलवार को वैश्विक स्तर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग की गई थी। वायरस के पीडि़तों को सहायक और रोगसूचक उपचार दिए जा रहे है जिससे एक व्यक्ति स्वस्थ भी हो चुका है। विभिन्न ड्रगों को मिक्स कर इससे लडऩे के लिए दवा की तलाश की जा रही है। जल्द ही इस ओर सकारात्मक समाचार मिलने की भी उम्मीद है। इससे पहले पशुपालन मंत्री उडुमालै राधाकृष्णन ने कहा कि चिकन और अड्डे की वजह से वायरस नहीं फैल रहा है। नामक्कल विधायक केपीपी भास्कर द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में मंत्री ने यह बात कही। इसी बीच नगर प्रशासन मंत्री एस.पी. वेलुमणि ने कहा ग्रेटर चेन्नई कार्पोरशन ने टी नगर के रंगनाथन स्ट्रीट में स्थित सभी दुकानों को बंद करने का सख्त निर्देश जारी किया है। निमय के विरुद्ध जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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