उल्लेखनीय है कि TNCC ने गठबंधन धर्म की दुहाई देते हुए कहा था कि डीएमके ने निकाय चुनाव में पर्याप्त सीटें आवंटित नहीं की। डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन के नेतृत्व पर सवाल उठते ही द्रविड़ पार्टी ने कांग्रेस को आईना दिखाया। पार्टी ने नई दिल्ली में कांग्रेस द्वारा नागरिकता संशोधन कानून पर चर्चा को लेकर आहूत बैठक का बहिष्कार किया। फिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को हूल दी कि वह चाहे तो गठबंधन समाप्त कर सकती है। बात दिल्ली पहुंची और फिर विवाद को समाप्त करने के निर्देश हुए।
हाईकमान के आदेश की तामील करते हुए तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के. एस. अलगिरि, वरिष्ठ नेता के. वी. तंगबालू, तमिलनाडु विधानसभा में कांग्रेस दल के नेता रामसामी और विधायक डा. एम. के. विष्णुप्रसाद ने अण्णा अरिवालयम में डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन से भेंट की।
वार्ता के बाद पत्रकारों से मिले के. एस. अलगिरि ने कहा कि दोनों दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है और जो कुछ भी स्थिति बनी थी उसका निपटारा कर दिया गया है। उनका गठबंधन २०२१ के विधानसभा चुनाव के बाद भी जारी रहेगा।
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने वार्ता के बाद वक्तव्य जारी कर पिछले दिनों के घटनाक्रम का जिक्र कर कहा कि बातचीत के जरिए जिन बिन्दुओं को हल किया जा सकता था उसे कांग्रेस ने सार्वजनिक किया। उसके बाद दोनों दलों की ओर से बयानबाजी हुई। फिर तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्टीकरण दिया। वे कभी नहीं चाहेंगे कि डीएमके की अगुवाई वाले गठबंधन में छोटा सा भी सुराख बने।