इस मौके पर तमिलनाडु कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के.एस.अलगिरि ने कहा कि कांग्रेस और डीएमके पार्टी का पुराना याराना रहा है। यह याराना करुणानिधि के समय से चलता आ रहा है। तब पार्टी के मुखिया एम. करुणानिधि होते थे और आज पार्टी की कमान स्टालिन के हाथों में है। उन्होंने स्टालिन की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों के साथ धोखा किया है और अम्बानी और अडानी जैसे लोगों के साथ ईमानदारी बरती है।
लोकसभा चुनाव के साथ राज्य की रिक्त २१ विधानसभा सीटों पर चुनाव साथ लडऩे के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि कांग्रेस और डीएमके अच्छे दोस्त रहे हैं और रहेंगे। इसलिए यह सवाल बेमानी है। उन्होंने कहा कि अच्छे दिन का झांसा देकर नोटबंदी और जीएसटी लगाकर बहुत युवाओं की नौकरी व व्यवसाय को खत्म कर दिया। तमिलनाडु ही नहीं देश की जनता बदलाव के मूड में है और आगामी लोकसभा चुनाव के बाद आपको चुनाव परिणामों के माध्यम से यह देखने को मिलेगा। 2009 में इन दोनों दलों ने साथ में चुनाव लड़ा था। फिर टूजी मामले के बाद वे 2014 में अलग अलग हो गए थे।