प्रस्तावित परियोजना की क्षमता दैनिक आधार पर २ मिलियन लिटर होगी। पत्रकारों से बातचीत में मदुरै कार्पोरेशन आयुक्त एस. विसाकन ने बताया कि पहले अलवरपुरम के अलावा विलानकुडी और वंडीयूर जैसे इलाकों में तीन सिवेज उपचार संयंत्र लगाने की योजना बनाई गई थी। अब यह निर्णय लिया गया है कि एक पर्याप्त है क्योंकि अन्य दो स्थानों पर सीवेज के पानी के मिश्रण के मुद्दे को भूमिगत जल निकासी प्रणाली के निर्माण के साथ खत्म किया जाएगा।
आगामी कुछ दिनों के अंदर प्रस्तावित यूजीडी का भी आदेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत २९० करोड़ की प्रस्तावित भूमिगत जलनिकासी परियोजना जलनिकायों में जाने वाले गंदे पानी का उपचार करेगी। इस योजना में शांती नगर, कोडल नगर, अनेयूर, एस.अलंगुलम, विशालक्षी नगर, तिरुपाले, कन्नानेडल, पारासुरमपट्टी, उथनगुड़ी, पस्तानपट्टी, मेलामंडै, तहसीलदार नगर, वंडीयूर और नागनकुलम इलाकों को शामिल किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि वेगै नदी में लंबे समय से सिवेज का पानी मिलता आ रहा है और एक रात में इसे रोका जाना संभव नहीं है। लेकिन निगम निश्चित रूप से इस मुद्दे का हल निकालेगा। इस ओर आगे बढऩे का सिवेज उपचार संयंत्र का निर्माण मुख्य कदम होगा।