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कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि से महानगर में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ी

locationचेन्नईPublished: Apr 13, 2021 07:18:37 pm

Submitted by:

Vishal Kesharwani

कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच महानगर के 1 हजार 119 स्ट्रीटों में कोरोना के अधिक मामलों की वजह से कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।

कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि से महानगर में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ी

कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि से महानगर में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ी


चेन्नई. कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के बीच महानगर के 1 हजार 119 स्ट्रीटों में कोरोना के अधिक मामलों की वजह से कंटेनमेंट जोन बना दिया गया है। इन स्ट्रीटों में कोरोना मरीजों की संख्या तीन से अधिक है, जबकि 210 स्ट्रीटों में संख्या 6 से अधिक और 52 स्ट्रीटों में संख्या 10 से अधिक है। महानगर में कोरोना मरीजों की कुल सक्रिय संख्या 5 हजार 430 है, जिसमें से तेनामपेट और रॉयपुरम में मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। क्षेत्र के तहत मइलापुर में मरीजों की संख्या 132, टी नगर में 130, नंगनल्लूर में 126, वेस्ट माम्बलम में 113, चेपॉक में 104 और वेपेरी में 101 सक्रिय मामले हैं। कुछ स्ट्रीटों में 30 से अधिक संख्या है, जिसमें डीएवी गल्र्स स्कूल के पास 38 सक्रिय मामले हैं।

 

हालांकि सरकार ने तीन मामले आने पर स्ट्रीटों को कंटेेेनमेंट जोन घोषित करने का निर्देश दिया है, लेकिन निगम द्वारा अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है और किसी भी सड़क को रोकथाम के तहत तीन मामलों में रखा गया है। घरों को सील नहीं किया जा रहा है। केवल छह से अधिक मामलों वाले सड़कों पर सड़क के प्रवेश और निकास पर कार्यरत कर्मचारियों के साथ परिधि नियंत्रण होगा। आपातकाल स्थिति में लोग स्ट्रीट से बाहर जा सकते हैं।

 

जीसीसी स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी उपायुक्त अलबी जॉन ने बताया कि दस से अधिक मामलों वाले स्ट्रीटों को पूरी तरह से ब्लॉक किया जा रहा है और निगम कर्मचारी इलाके के लोगों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निगम ने इन सड़कों पर व्यापक निगरानी के लिए 6 हजार बुखार कर्मचारियों को नियुक्त किया है। अगले सप्ताह तक यह संख्या 12 हजार कर दी जाएगी। कंटेनमेंट जोनों में मरीजों की सहायता के लिए 1 हजार फोकस स्वयंसेवकों को भी नियुक्त किया गया है।

 

कुछ समय बाद इस संख्या को भी डबल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सप्ताह मरीजों की सीटी स्कैन समेत अन्य परीक्षण की जांच के लिए 12 स्क्रिनिंग सेंटर का संचालन होगा। इससे अस्पतालों में होने वाली भीड़ से बचा जा सकेगा। वर्तमान में सड़क किनारे 50 बुखार क्लिनिक स्थापित किए गए हैं। अधिक रोगग्रस्त रोगियों की पहचान के लिए इसे 400 तब बढ़ाया जाएगा।

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