हालांकि, नगर निगम ने पिछले महीने एक स्ट्रीट में तीन कोरोना संक्रमित मिलने के नए नियमों के साथ ही कंटेनमेंट जोन को डि-कंटेन भी कर दिया था। अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में महानगर में 10 कंटेनमेंट जोन थे, उसके बाद 42 हुए और अब 70 कंटेनमेंट जोन हो गए।
अधिकारियों का कहना है कि अंबत्तूर जोन सबसे संवेदनशील है जहां 29 स्ट्रीट सील किए गए है। तंडियारपेट जहां कोई कंटेनमेंट जोन नहीं थे, अब यहां भी संक्रमण फैलने लगा है और कई स्ट्रीटों में कोरोना के मरीज मिले है जिसके बाद यहां के 11 स्ट्रीट को सील कर दिया गया है। तंडियारपेट जोन में पिछले ऐ सप्ताह से कोरोना संक्रमित के मामले अधिक आ रहे है। इसके अलावा चेन्नई के सभी जोन में कम से कम 5 कंटेनमेंट जोन है।
नगर निगम के आला अधिकारियों ने जोनल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगर किसी इलाके में संक्रमण के मामले मिलते हैं तो उन इलाको को सील करने के लिए स्वतंत्र है। इससे संक्रमण पर रोक लगाई जा सकेगी। इसी वजह से पिछले कुछ दिनों में कंटेनमेंट जोन की संख्या तेजी से बढ़ी है।
कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति पर नजर रख रहे विशेषज्ञों की मानें तो चेन्नई के हालात फिर से बिगड़ते जा रहे हैं। अभी प्रशासन और जनता नहीं चेती तो अगले 15-20 दिन में हालात बहुत खराब हो चुके होंगे। पहले चेन्नई में रोजाना 1000 से कम कोरोना के मामले आते थे लेकिन अब 1300-1400 के बीच कोरोना के मामले आ रहे है जिससे संकट गहरा सकता है।