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सरकारी ढील की ठेकेदार उठा रहे फायदा!

locationचेन्नईPublished: Jan 19, 2019 12:10:38 pm

Submitted by:

Ritesh Ranjan

-मेगा सिटी डवलपमेंट मिशन – बिना सूचनापट्ट के चल रहे सैकड़ों प्रोजेक्ट- खतरे के बीच गुजरते वाहन चालक

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सरकारी ढील की ठेकेदार उठा रहे फायदा!

चेन्नई. ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के निर्देश पर चेन्नई मेगा सीटी डवलपमेंट मिशन के तहत महानगर में २१७ किलोमीटर ड्रेनेज का निर्माण और फुटपाथ सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। यह निर्माण कार्य ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन ने ठेकेदारों के हवाले कर दिया है। जारी टेंडर के अनुसार सभी ठेकेदारों को प्रोजेक्ट स्थलों पर सूचनापट्ट लगाने का सख्त निर्देश दिया था। टेंडर में लिखित सभी शर्तों को पूरा करने के आश्वासान के साथ ठेकेदारों ने दिया था। साथ ही ठेके पर लिया गया प्रोजेक्ट समय सीमा में ही पूरा करना था। भले ही उन्होंने सभी शर्तें पूरी करने का आश्वासन दिया और समय पर कार्य पूरा करने की शर्त भी मान ली लेकिन हो रहा है इसके उलट। कॉर्पोरेशन ने तो ठेके देकर इतिश्री कर ली। उसकी अनदेखी का फायदा ठेकेदार उठा रहे हैं शायद उनको भी याद नहीं होगा कि प्रोजेक्ट को पूरा करने की टेंडर में समय सीमा कितनी दी गई थी। यही कारण है कि शहर में कोई भी प्रोजेक्ट समय सीमा तो दूर उसके बाद दो साल गुजर जाने के बाद भी पूरा होने के आसार नहीं है। इसका हर्जाना वाहन चालक एवं राहगीरों को भरना पड़ रहा है।
ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के टेंडर के अनुसार जहां प्रोजेक्ट चल रहा है उसके दोनों छोर पर एक सूचनापट्ट लगाया जाना चाहिए जिस पर ठेकेदार का नाम, टेंडर में आवंटित राशि, समय सीमा आदि का उल्लेख करना अनिवार्य था। लेकिन महानगर में जारी निर्माण कार्य स्थलों को देखने से प्रतीत होता है कि ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा जारी नियमों की ठेकेदार पूरी तरह अवहेलना कर रहे हैं।
यहां गौरतलब है कि मेगा सिटी योजना के तहत करीब ३८०० छोटी-बड़ी सडक़ों पर और गलियों में ड्रेनेज और सीवरलेन को आपस में जोडऩे का काम चल रहा है। इसके लिए कुल ४३० करोड़ रुपए आवंटन किए गए हैं। अब विडम्बना यह है कि महानगर की सडक़ों के किनारे जारी ड्रेनेज और सीवरलेन के निर्माण और मरम्मत कार्य की वांछित जानकारी किसी भी प्रोजेक्ट साइट पर नजर नहीं आ रही है।
उपनगरों में ड्रेनेज निर्माण में हो रही देरी के खिलाफ एक सामाजिक कार्यकर्ता वी. गोपालकृष्णन ने आरटीआई के जरिए ग्रेटर चेन्नई में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने दर्ज शिकायत में सरकार और ग्रेेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन का ध्यान आकृष्ट करते हुए लिखा है कि पीवी राजमन्नर सालै पर हो रहे निर्माण कार्य का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा जब मेगा सिटी योजना के तहत उपगरों में हो रहे निर्माण कार्य की साइट पर प्रोजेक्ट का विवरण देना अनिवार्य है तो राजमानर सालै पर हो रहे निर्माण कार्य सूचनापट्ट क्यों गायब है जबकि इस मार्ग पर पिछले कई महीनों से निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रोजेक्ट साइट पर प्रोजेक्ट का विवरण नहीं मिलना करदाताओं के साथ धोखा है।
पूर्व मेयर और डीएमके नेता एम सुब्रमण्यम ने महानगर में ड्रेनेज निर्माण और कनेक्टीविटी पर सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के क्रियाकलाप पर सवाल उठाया है। उन्होंने बताया कि इस सरकार में कोई भी काम बिना रिश्वत के नहीं होता। मेगा सिटी योजना और स्मार्ट सिटी योजना के तहत चल रहे प्रोजेक्ट भी लूट खसोट का केंद्र बने हुए हंै। चेन्नई कॉर्पोरेशन को अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है। वर्षों से महानगर निगम का चुनाव नहीं हुआ है। बिना मेयर और काउंसलर के शहर में विकास कार्य कैसे किए जा सकते हैं।
उनका आरोप है कि जब शहर में ड्रेनेज सरीखे अन्य प्रोजेक्ट स्थलों पर विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है तो क्या कारण है कि महानगर में चल रहे प्रोजेक्ट स्थलों पर कहीं भी सूचनापट्ट नजर नहीं आ रहे जबकि लोगों को आवागमन में भारी जद्दोजहद करनी पड़ती है।
पूंदमल्ली हाई रोड पर निर्माण स्थल पर तैनात इंजीनियर नंदगोपालन को जब प्रोजेक्ट स्थलों पर सूचनापट्ट नहीं लगाने के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि महानगर में ड्रेनेज निर्माण कार्य छोटे-छोटे स्लैब में किया जा रहा है। जिसके लिए सप्ताह और महीने तक का समय लगता है, इसलिए अधिकांश ठेकेदार सूचनापट्ट नहीं लगाते। हालाकि उन्होंने स्वीकार किया कि चेन्नई कॉर्पोरेशन नियम के अनुसार प्रोजेक्ट स्थल पर प्रोजेक्ट का विवरण लगाया जाना चाहिए ताकि आमजन को प्रोजेक्ट की पूरा होने की समय सीमा और राशि की जानकारी मिल सके।
राहगीर कहिन…
रोड पर चलना खतरे से कम नहीं
पिछले दो साल से पूंदमल्ली हाई रोड पर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ईगा थियेटर तक टुकड़ों में ड्रेनेज का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके चलते रोड के दोनों ओर का फुटपाथ गायब है। इसके कारण राहगीरों को मुख्य मार्ग पर चलने को विवश होना पड़ता है जो किसी खतरे से कम नहीं।
– श्यामजीत यादव, यात्री, पुरुषवाक्कम
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कब पूरी होगी ड्रेनेज
तीन साल बीतने को है लेकिन त्यागराया रोड पर चल रहा ड्रेनेज निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। पता नहीं कब तक पूरा होगा। इसके कारण न केवल पैदल यात्रियों बल्कि वाहन चालकों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
– मुरलीधरन, इंजीनियर, सरवना स्ट्रीट, टीनगर
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ढुलमुल ड्रेनेज निर्माण कार्य
माधवरम हाई रोड बाढ़ और बारिश से सर्वाधिक प्रभावित होता है क्योंकि बारिश में इस रोड पर जलजमाव हमेशा देखने को मिलता है। इस रोड के किनारे ड्रेनेज का निर्माण किया जा रहा है लेकिन पिछले एक साल में आधा किलोमीटर भी ड्रेनेज पूरी नहीं हुई। यह ढिलाई लोगों को बहुत भारी पड़ रही है।
-अरविंदम, एमएमडीए

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