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वेदांता समूह ने कॉपर प्लांट को बताया जरूरी

locationचेन्नईPublished: Sep 24, 2018 08:07:15 pm

Submitted by:

P S VIJAY RAGHAVAN

एनजीटी की टीम ने की सुनवाई
वाइको ने मांगा समय

Copper Plant is necessary says Vedanta Group

वेदांता समूह ने कॉपर प्लांट को बताया जरूरी

चेन्नई. तुत्तुकुड़ी में रविवार को कॉपर प्लांट के अवलोकन और स्थानीय ग्रामीणों से सुनवाई के बाद राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने सोमवार को यहां सुनवाई की। समिति के अध्यक्ष मेघालय हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अरुण अग्रवाल, वैज्ञानिक सतीश सी. गरकोटी और एच. डी. वरलक्ष्मी के समक्ष वेदांता समूह की ओर से दलील पेश की गई।
तुत्तुकुड़ी स्थित प्लांट को स्थानीय लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद २८ मई को बंद कर दिया गया था। प्लांट का रविवार को इस समिति ने अवलोकन भी किया। तुत्तुकुड़ी के ग्रामीणों की ओर से एमडीएमके महासचिव वाइको समिति के समक्ष एनजीटी की दक्षिणी शाखा के कैलाश महल स्थित कार्यालय में पेश हुए।
वाइको ने पत्रकारों को बताया कि सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई सुनवाई ढाई बजे तक चली। वेदांता समूह की ओर से अधिवक्ता ने करीब डेढ़ घंटे तक प्लांट के पक्ष में दलील दी। कंपनी की ओर से समिति के सामने तुत्तुकुड़ी के कुछ लोगों को पेश किया गया जिनमें कुछ उद्यमी और व्यापारी भी थे। उनका आरोप है कि इनसे यह कहलवाया गया है कि कॉपर प्लांट ग्रामीणों की जरूरत है इसके अभाव में स्थानीय लोगों की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है।
एमडीएमके महासचिव ने कहा प्लांट का पिछले बाईस सालों से ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है। ट्रिब्यूनल ने कंपनी की आवाज सुनी है। स्थानीय लोगों के अलावा विरोध प्रदर्शन में जान गंवाने वालों के परिजनों की बात भी सुनी जानी चाहिए। उन्होंने न्यायाधिकरण से कहा है कि स्टरलाइट पर्यावरणीय आपदा है। उनके आग्रह पर समिति ने कहा कि अगली सुनवाई ५ या ६ अक्टूबर को होगी।
कैलाश महल में समिति की सुनवाई और वहां रखे गए विचार सोशल मीडिया पर लगातार शेयर किए जा रहे थे। इस बीच प्लांट के समर्थक और विरोधी समूहों के बीच गर्म बहस हुई। प्लांट के विरोधियों का आरोप था कि जो इसका समर्थन कर रहे हैं वे स्टरलाइट के स्थाई कर्मचारी हैं जबकि स्टरलाइट कंपनी के सदस्य के अनुसार विरोधी गुट जबरदस्ती समस्या पैदा कर रहा है।

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