देश में लाकडाउन के चौथे चरण में केन्द्र सरकार द्वारा छुट देने का ऐलान करने के बाद राज्य सरकार से कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखकर चेन्नई को छोड़कर अन्य जिलों में रियायत देना शुरू किया। इनमें सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारियों के साथ काम शुरू करने, बसों व ऑटो का परिचालन, शापिंग सेन्टर, सैलून, होटल, रेस्तरां सहित 33 तरह के कार्य शामिल थे। लॉकडाउन में ढील व रियायतें मिलते ही जिले में लोग सरकारी नियमों व कोरोना को भूलकर बेवजह घर से बाहर निकलना शुरू कर दिया। लोगों न मास्क पहनना जरूरी समझा और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना। सब्जी बाजार या मांस-मछली की दुकानों पर बिना सामाजिक दूरी का पालन किए खरीदारी करने लगे। संक्रमण फैलने का अंदेशा होने के बाद भी जिला प्रशासन ने जिले की सीमा पर वाहन जांच के लिए लगाए चैकपोस्टों को छोड़कर बाकी जगह से चैकपोस्ट हटा लिये। इससे दुपहिया वाहन चालकों को छूट मिल गई। लोग बेपरवाह होकर बिना मास्क के ही आवागमन करने लगे।
चौथे लॉकडाउन में रियायतें मिलने के बाद चेन्नई से अपने गांव लौट रहे लोगों के कारण जिले में संक्रमितों की संख्या तेजी से फैल गई। लोगों की लापरवाही ने कोरोना प्रसार को और हवा दे दी, परिणामस्वरूप इसके संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ गई। चेन्नई के नजदीक होने के कारण तीन जिले कांचीपुरम, तिरूवल्लूर एवं चेंगलपेट भी कोरोना संक्रमण के चपेट में आ गए। यही कारण रहा कि इन चारों जिलों में प्रशासन एवं निगम ने कड़ा एहतियात बरतना शुरू किया। चेन्नई में वायरस के बढ़ती संक्रमित संख्या को देख काफी लोग या तो ई-पास फिर मोटरसाइकिल व अन्य वाहनों से ही सपरिवार निकल पैतृक गांव लौट रहे हैं। इन लोगों के जाने से जिन जिलों में कोरोना संकमितों की संख्या कम थी वहां संक्रमित संख्या बढऩा शुरू हो गई। हालांकि जिला प्रशासन ने पेरियारकुप्पम सीमा के चेकपोस्ट पर तीव्रता से वाहन जांच शुरू कर दी गई थी। सिर्फ मेडिकल ई-पास लेकर आने वाले वाहनों को ही अंदर आने दिया बाकी सभी को वापस लौटा दिया गया, फिर भी किसी तरह चेन्नई से 400 से ज्यादा लोग अपने गांव पहुंच गए। इन लोगों के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या दस गुणा बढ़ गई।
इस वैश्विक महामारी की अब तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है। भारत समेत अनेक देश वैक्सीन बनाने में जुटे हैं लेकिन अब तक सफलता हाथ नहीं लगी। वैक्सीन बनने तक लोगों को कोरोना वायरस को स्वीकार कर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। इससे बचने के लिए बार-बार हाथ धोना, सामाजिक दूरी का खयाल रखना, मास्क पहनना एवं भीड़भाड़ से बचना व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है।