चेन्नईPublished: Mar 13, 2020 01:57:44 pm
shivali agrawal
Corona Virus : Metro water की दैनिक आपूर्ति की मांग को लेकर Madras High Court में जनहित याचिका लगाई गई है। प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस को रोकने के लिए हाथ को बार बार धोने के निर्देश को देखते हुए यह याचिका लगाई गई है।
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चेन्नई. Metro water की दैनिक आपूर्ति की मांग को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। प्रशासन द्वारा Corona virus को रोकने के लिए हाथ को बार बार धोने के निर्देश को देखते हुए यह याचिका लगाई गई है। एक दिन में बार बार हाथ धोने के प्रशासन के महत्वपूर्ण निर्देश का हवाला देते हुए अधिवक्ता ए.पी.सूर्यप्रकाशम ने जस्टिस एम.एम.सुन्दरेश एवं जस्टिस कृष्णन रामास्वामी के समक्ष कहा कि चेन्नई मेट्रोपोलिटन वाटर सप्लाई एंड सीवेज बोर्ड को इस संबंध में निर्देश दिए जाए। साथ ही चेन्नई सिटी में तत्काल प्रतिदिन (दिन में कम से कम तीन घंटे) मेट्रो वाटर आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाएं। यह तब तक हो जब तक कोरोना वायरस संकट खत्म नहीं हो जाता। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। सूर्य प्रकाश ने कहा कि पड़ोसी राज्यों केरल, तेलंगाना एवं बेंगलूरु कोरोना वायरस प्रभावित हैं। तमिलनाडु के लोग ज्यादा डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि निगम एवं विशेषज्ञ बार बार लोगों को हाथ धोने की सलाह दे रहे हैं। एक दिन में कई बार 40 सेकेंड से अधिक तक (रनिंग टैप वाटर) हाथ होने की सलाह दी जा रही है। इसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को एक बार हाथ धोने के लिए न्यूनतम 3 लीटर पानी की जरूरत है। चेन्नई सिटी को एक दिन में न्यूनतम 1,350 मिलियन पेयजल आपूर्ति की जरूरत है। लेकिन एक दिन के अंतराल पर केवल 650 मिलियन लीटर मेट्रो वाटर की आपूर्ति होती है। चार सदस्यों वाले एक परिवार को प्रतिदिन न्यूनतम 500 लीटर पानी की आपूर्ति की जरूरत है ताकि व्यक्तिगत स्वच्छता कायम रह सके। दुर्भाग्यवश मेट्रो वाटर प्रशासन के बयान के अनुसार एक दिन के अंतराल पर एक या दो घंटे के लिए चेन्नई सिटी में पानी की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में प्रत्येक परिवार को मात्र 200 लीटर पानी मिलता है। यह स्वच्छता को कायम रखने के लिए पूरी तरह से अपर्याप्त है। सूर्यप्रकाश ने कहा कि जब खाने बनाने एवं पीने के लिए पानी नहीं है ऐसे में एक दिन में बार बार हाथ धोने की सलाह का अनुसरण करना असंभव एवं अव्यावहारिक है। चेन्नई में 90 प्रतिशत स्कूल विशेष रूप से सरकारी एवं निगम स्कूल जहां लाखों की संख्या में गरीब एवं मध्यम वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं, पर्याप्त पानी की आपूर्ति से वंचित हैं। यहां तक की एक भी स्कूल में शिक्षा विभाग या निगम प्रशासन द्वारा लिक्विड शाप एवं हैंड वास सेनीटाइजर नहीं मुहैया कराया जा रहा ताकि बच्चे स्कूल के दौरान अपने हाथ धो सके। मेट्रो वाटर टैंक या निगम टैप्स से स्कूलों में पर्याप्त जलापूर्ति होनी चाहिए।