तमिलनाडु का वुहान साबित हुआ कोयम्बेडु:
सीएमडीए अधिकारियों का कहना था 1 मई से लेकर 6 मई तक सब्जियों की आवक में भारी गिरावट दर्ज की गई है। पहले कोयम्बेडु मार्केट खुला हुआ था तो सब्जियां समय से महानगर के छोटी-छोटी मंडियों में पहुंच जाती थी लेकिन कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के कारण कोयम्बेडु मार्केट को सील करना पड़ा कारण यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बिल्कुल नहीं हो पा रहा था।
सब्जिायों के दाम में आया उछाल:
उपभोक्ताओं का कहना है कि पिछले सप्ताह भर में सब्जियों के भाव में भारी उछाल आया है जो बीन्स महज 35 से 40 रुपए किलो बिक रहे थे अब बाजार में 80 से 90 रुपए किलो में मिल रहे हैं। बैगन जो 25 से 30 रुपए किलो बिक रहे थे वह भी 90 के पार पहुंच गए हैं टमाटर जो सबसे कम भाव पर बिक रहे थे जो 2 मई को 20 से 25 रुपए किलो बिक रहे थे वही टमाटर अब 80 रुपए प्रति किलो बिकने लगे हैं।
ओएमआर निवासी प्रभाकर कुमार कहते हैं कि सब्जियों के भाव बढऩे से शाकाहारियों के लिए भरपेट खाना भी सहज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है । एक तरफ कोरोना महामारी है दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई आमजन की कमर तोड़ रही है। अन्ना नगर निवासी राहुल कुमार शर्मा कहते हैं कि कोयम्बेडु सब्जी मंडी को सील करने से सबसे अधिक प्रभावित आसपास के निवासी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आरंभ में यदि मार्केट प्रशासन, सब्जी मंडी में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते तो कोयम्बेडु मार्केट में कोरोना वायरस का फैलाव नहीं बढ़ता। जबकि स्थानीय मार्केट में हरी सब्जियां आना ही बंद हो गया है।
कोडम्बाक्कम निवासी राहुल देव कहते हैं हमारे इलाके में कोरोना पॉजिटिव का जो भी केस आया है वो सभी केस कोयम्बेडु मार्केट से जुड़ा हुआ है। मंडी से सब्जियां लेकर आने वाले अधिकांश सब्जी विक्रेता कोरोना महामारी से पीडि़त थे। सब्जी व्यापारियोंं के जरिए कोडम्बाक्कम के अधिकांश इलाके में कोरोना फैल चुका है। उन्होंने बताया कि इलाके में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ जाने से लोगों ने अब घर से बाहर निकल कर सब्जियां खरीदना ही बंद कर दिया है।