दंपती को हाईकोर्ट से मिली राहत
चेन्नईPublished: Oct 12, 2018 03:43:48 pm
– बच्चा तस्करी के आरोप का मामलादंपती को हाईकोर्ट से मिली राहत
दंपती को हाईकोर्ट से मिली राहत
मदुरै. मद्रास हाईकोर्ट ने एक दंपती को राहत देते हुए उन पर लगे बच्चा तस्करी के आरोप को खारिज कर दिया। इस निस्संतान दंपती ने बच्चा कन्याकुमारी जिला अस्पताल से गोद लिया था। इसको लेकर दंपती पर तस्करी का आरोप लगाते हुए मद्रास हाईकोर्ट मे मुकदमा दर्ज किया गया। वंदासेरी पुलिस ने आईपीसी की धारा ३०७ के तहत दंपती के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। जिले के बाल सुरक्षा अधिकारी को एक अज्ञात शिकायत पत्र मिला जिसके बाद उन्होंने शिकायत दर्ज कराई और दंपती जेवियर ब्राइट और हेलन अनिता से बच्चे को ले लिया गया।
यह मामला वर्ष २०१५ का है, जब अनिता एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही थी। उसी दौरान एक अन्य महिला वहां अपना गर्भपात कराने के लिए आई लेकिन गर्भपात नहीं हो पाया जिससे उस महिला को बच्चे को जन्म देना पड़ा। बच्चे को जन्म देने के बाद महिला अस्पताल से गायब हो गई। अनिता और उसके पति ने उसके अनाथ बच्चे के बारे में अस्पताल के कर्मचारियों से जानकारी ली। दंपती को बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बच्चे को गोद लिया और उसकी परवरिश करने लगे।
इसी दौरान किसी अनजान व्यक्ति ने बच्चे के बारे में बाल सुरक्षा प्राधिकरण को जानकारी दी जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और पुलिस में शिकायत गई। पुलिस ने दंपती से बच्चा लेकर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया तो वहां बच्चे ने खाना-पीना बंद कर दिया और हर समय घर वापस जाने की जिद करने लगा। इसके बाद बच्चे को जून २०१७ में अनिता और जेवियर के हवाले कर दिया गया। बाद में अपने खिलाफ दायर एफआईआर को खारिज कराने के लिए दंपती ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। इस पर सुनवाई कर रहे न्यायाधीश एन. आनंद ने माना कि दंपती को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी। साथ ही दंपती बच्चा तस्करी गिरोह से तो नहीं है इस बात पर न्यायाधीश ने कहा मां बच्चे को पाले इसे तस्करी नहीं कहा जाता। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज करने का आदेश दे दिया।