चेन्नई

आपराधिक मानहानि मामले को रद्द किया

मद्रास उच्च न्यायालय (Highcourt) ने लोक अभियोजक की ओर से एक अंग्रेजी एवं एक तमिल दैनिक में सुब्रह्मण्मय स्वामी के पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर 4 सितम्बर 2014 को प्रकाशित साक्षात्कार के आपराधिक मानहानि के मामले को रद्द कर दिया।

चेन्नईFeb 17, 2020 / 06:54 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

court

चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने लोक अभियोजक की ओर से एक अंग्रेजी एवं एक तमिल दैनिक में सुब्रह्मण्मय स्वामी के पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता पर 4 सितम्बर 2014 को प्रकाशित साक्षात्कार के आपराधिक मानहानि के मामले को रद्द कर दिया।
न्यायाधीश एम. दण्डापानी ने अपने आदेश में कहा कि सुब्रह्मण्मय स्वामी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत साक्षात्कार दिया था जिसे रोका नहीं जा सकता है। आसपास होने वाली घटनाओं को प्रेस के माध्यम से लोकतांत्रिक कामकाज का आधार है। अधिकार एवं स्वतंत्रता पर प्रत्यक्ष आक्रमण के अलावा कुछ नहीं है।
संवैैधानिक मूल्यों की रक्षा

मानहानि केवल एक अपवाद के रूप में देखा जा सकता है। कोर्ट का यह दायित्व बनता है कि संवैैधानिक मूल्यों की रक्षा करें। मानहानि उसके सार्वजनिक जीवन के लोकसेवक के कार्य के रूप में होनी चाहिए। इसमें दिए बयान केवल आलोचना के रूप में कहा जा सकता है। स्वामी ने अपने बयान में कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मछुआरों को लेकर तब के प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के अलावा कुछ नहीं किया।
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