बेंच ने सुनवाई में कहा, हालिया दुर्भाग्यपूर्ण घटना का ब्योरा हाईकोर्ट सुरक्षा के पुलिस उपायुक्त ने ३० जनवरी के पत्र में रजिस्ट्रार जनरल को भेजा है जो हमारे सामने है। इस घटना को देखते हुए हमें जो ज्यादा चिंता सता रही है वह तीन पूर्व जजों का परिसर में आना तथा प्रदर्शन में शामिल होना है।
पुलिस उपायुक्त के ३० जनवरी २०२० के पत्र में तीन सेवानिवृत्त जजों हरिपरंदामन, पूर्व जज कण्णन और पूर्व जज अकबर अली के अलावा अन्य अधिवक्ताओं का संदर्भ देते हुए कहा गया कि ये सभी आविन पार्लर के पास एकत्र हुए और वहां से रैली निकाली जो एस्प्लेनेडु गेट से प्रवेश करते हुए अम्बेडकर प्रतिमा के पास समाप्त हुई। उपायुक्त ने पत्र में यह भी कहा कि रैली में शामिल लोगों को अवगत कराया गया कि यह अवैध कार्य है लेकिन समझाइश नाकाम रही और उन्होंने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की नहीं सुनी।
प्रथम पीठ ने इस पत्र का संदर्भ देते हुए मद्रास उच्च न्यायालय की सुरक्षा समिति से कहा इस घटना की गंभीरता ने पूरी न्यायिक प्रणाली की सुरक्षा व्यवस्था पर सोचने पर विवश किया है। इसका हाईकोर्ट की सुरक्षा को लेकर भविष्य में किए जाने वाले उपायों पर भी असर पड़ सकता है। लिहाजा इस पर तुरंत प्रशासनिक पक्ष द्वारा सोचा जाना चाहिए। इस वजह से हम सुरक्षा समिति को निर्देश देते हैं कि वह इस पर तुरंत गौर करे और अपने कार्यात्मक सुझावों पर अगली तारीख तक अवगत कराए।
बेंच ने हाईकोर्ट की सुरक्षा से जुड़ी एक अन्य जनहित याचिका को भी उक्त याचिका के साथ जोडऩे को कहा। न्यायिक पीठ ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपर महाधिवक्ता जी. राजगोपालन व एडवोकेट जनरल विजय नारायणन के विचार भी सुने।
साथ ही सुरक्षा समिति से आग्रह किया गया कि वह पुलिस महानिदेशक, सीआइएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों व स्थानीय कमांडेंट से समन्वित मशविरे के बाद स्थाई सुरक्षा उपायों का सुझाव पेश करे। याचिका पर अगली सुनवाई २ मार्च २०२० को होगी।