चेन्नई. आंत संबंधी परेशानी होने पर कोविड-19 रोग का व्यक्ति के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। वैसे तो सांस लेने की समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती अधिकतर मरीजों में दस्त और उल्टी की शिकायत होती है, लेकिन जब वायरस गैस्ट्रोइंटेस्टीनल मार्ग में आ जाता है तो यह रोग की गंभीरता को बढ़ा देता है। हाल के हुए कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि यह वायरस फेफड़ों के साथ-साथ आंतों को भी जख्मी करता है। इसकी वजह से पाचन क्षमता कमजोर हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार संक्रमण के दौरान वायरस आंत की आंतरिक झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है और घाव बना देता है। झिल्ली फटने से आंत में रक्तस्त्राव आंत की आंतरिक झिल्ली फटने से कभी-कभी आंत में रक्तस्राव भी होता है और कुछ मामलों में तो खून उल्टी के जरिए बाहर निकलता है। पिछले साल मई में कोरोना वायरस के आंतों को संक्रमित करने को लेकर एक रिपोर्ट आई थी। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस संक्रमण और आंतों के बीच के संबंध को लेकर शोध किया था। इस अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक तिहाई मरीजों में डायरिया जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टीनल लक्षण होते हैं। कई वैज्ञानिक अध्ययन शामिल एक साल पहले जब कोरोना वायरस सामने आया तो ऐसा माना जा रहा था कि यह वायरल संक्रमण श्वसन प्रणाली पर ही प्रभाव डालता है। तब से इसको लेकर बहुत अधिक जानकारी सामने आई है, जिसमें कई वैज्ञानिक अध्ययन भी शामिल हैं, जो बताते हैं कि कोविड-19 आंत की भी परेशानी पैदा कर सकता है। तेज बुखार व सांस संबंधी समस्याएं आम कोविड-19 से संक्रमित लोग लक्षणों में जिसमें सबसे आम लोगों में तेज बुखार और सांस संबंधी समस्याएं हैं। हालांकि शव परीक्षण और अन्य अध्ययनों से पता चला है कि संक्रमण यकृत, गुर्दे, हृदय, प्लीहा और यहां तक कि जठरांत्र संबंधी मार्ग को भी प्रभावित कर सकता है। ……………………..