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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं

locationचेन्नईPublished: May 28, 2021 08:26:37 pm

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, तमिलनाडु में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहींईपीएस की टिप्पणी का दिया जवाब

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विरुदनगर. स्वास्थ्य मंत्री एम. सुब्रमण्यम ने कहा कि एमके स्टालिन के सीएम के रूप में शपथ लेने के 20 दिनों के भीतर ऑक्सीजन स्टॉक को 650 मीट्रिक टन तक बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए थे। जबकि 7 मई से पहले 250 मीट्रिक टन था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एडपाडी के पलनीस्वामी के उस बयान से इनकार किया जिसमें उन्होंने राज्य में ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतें बढ़ने की बात कही थी।
गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट में एक कोविड -19 समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब पलनीस्वामी सीएम थे, तो राज्य में उपलब्ध ऑक्सीजन केवल 250 मीट्रिक टन थी, जबकि आवश्यकता 575 मीट्रिक टन थी, लेकिन सीएम एमके स्टालिन ने कमी को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए। उन्होंने कहा, राज्य में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। सीएम ने मंत्रियों को केवल लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
वानती के आरोपों का खंडन
उन्होंने सभी से कोविड -19 को फैलने से रोकने की दिशा में काम करने और मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया। सरकार वैक्सीन की 3.5 करोड़ खुराक सीधे खरीदने के लिए भी कदम उठा रही है। वानती श्रीनिवासन ने भी टीकों की कमी की बात कही थी। इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय वह राज्य के लिए जो आवश्यक है उसे प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार में संबंधित अधिकारियों के साथ इसे उठा सकती है।
401 बेड आक्सीजन युक्त
उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह में विरुदनगर, तेनकासी और तिरुनेलवेली सहित 13 जिलों में संक्रमण के प्रसार में गिरावट देखी गई है, जबकि कोयंबत्तुर में मामले बढ़ रहे हैं। सीएम ने कोयंबत्तुर में प्रसार को रोकने के लिए दो अतिरिक्त आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की थी। विरुदनगर जिले की स्थिति के बारे में सुब्रमण्यम ने कहा कि वर्तमान में ऑक्सीजन समर्थन के साथ 401 बेड हैं, जिनमें से 72 खाली हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री के के एस एस आर रामचंद्रन ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ 200 अतिरिक्त बेड स्थापित करने के लिए कदम उठा रहे हैं। जिले में 60 ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर वितरित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने पटाखा इकाई में आग लगने और सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए मरीजों के इलाज के लिए जिले में एक ट्रॉमा केयर सेंटर स्थापित करने का भी अनुरोध किया है।
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