निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाने की मजबूरी
चेन्नईPublished: Jun 01, 2021 09:30:50 pm
निजी अस्पतालों में वैक्सीन लगाने की मजबूरी, अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे
चेन्नई. चेंगलपट्टू, तिरुवलूर और कांचीपुरम जैसे चेन्नई के उपनगरीय इलाकों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन इन क्षेत्रों में 18-44 आयु वर्ग के युवाओं का वैक्सीनेशन कमी के कारण लगभग बंद हो गया है और लोग अब चेन्नई के निजी अस्पतालों की तरफ देख रहे हैं। चेन्नई के निजी अस्पताल एक डोज के लिए 850 रुपए से 900 रुपए के बीच चार्ज कर रहे हैं और उपनगरीय इलाकों से शहर तक परिवहन की लागत के साथ युवाओं की जेब खाली हो रही है।
चेंगलपट्टू के एक स्थानीय व्यवसायी ने बताया, मैं वैक्सीन के लिए चेन्नई आया था क्योंकि चेंगलपट्टू में वैक्सीन की कमी है और मुझे वैक्सीनेशन के लिए 850 रुपए खर्च करने पड़े। मैं किराए के वाहन से आया। मैं इसे वहन कर सकता था लेकिन ऐसे कई युवा हैं जो चेन्नई आने और वैक्सीन लगाने की स्थिति में नहीं हैं। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और सभी के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराना चाहिए। तांबरम और पोरूर जैसे क्षेत्रों में दो दिन पहले पंजीकरण के बाद भी कोविन पोर्टल पर कोई अपडेट नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के सेवानिवृत्त अधिकारी और तांबरम रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज महादेवन ने कहा, मेरे भतीजे और उनके दोस्त ने शनिवार और मंगलवार को कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराया, लेकिन वैक्सीन को लेकर कोई जानकारी नहीं है। केवल विकल्प चेन्नई बचा है और एक निजी अस्पताल में वैक्सीन लगानी पड़ी।
चेन्नई को बीस लाख से अधिक वैक्सीन
चेन्नई को 20.4 लाख वैक्सीन मिली है। लेकिन चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम के तीन जिलों को मिलाकर सोमवार शाम तक केवल 7.02 लाख वैक्सीन ही मिली। चितलापकम और सेलियुर जैसे इलाकों में लोग बिना वैक्सीन के घर लौट रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच के महेश कृष्णमूर्ति, जो वैक्सीनेशन के लिए लोगों में जागरूकता पैदा कर रहे हैं ने कहा, तमिलनाडु में वैक्सीन के आवंटन में असमानता है और इसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह वैक्सीन आवंटन की असमानताओं को देख रहा है और यह कुछ दिनों में तय किया जाएगा क्योंकि राज्य अधिक वैक्सीन की उम्मीद कर रहा है।