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मां की मौत ने सीता को विचलित कर दिया, लेकिन नहीं मानी हार

locationचेन्नईPublished: Jun 05, 2021 11:21:59 pm

मां की मौत ने सीता को विचलित कर दिया, लेकिन नहीं मानी हार- मां को खोने के बाद अब तक 500 कोविड मरीजों को घर पहुंचाया

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चेन्नई. कोविड-19 संक्रमित सीती देवी की मां की जब 1 मई को राजीव गांधी अस्पताल में बेड न मिलने से मौत हो गई तो सीता देवी ने कोविड-19 मरीजों की मदद की ठान ली। सीता देवी ने सरकारी अस्पतालों के बाहर इंतजार कर रहे कोविड -19 रोगियों के लिए एक ऑटो सेवा संचालित करने का फैसला किया। वह अब तक करीब 500 मरीजों की मदद कर चुकी हैं। सीतादेवी की मां पॉजिटिव आई थी। वह पहले से ही डायलिसिस पर थीं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। इससे पहले कि सीता बेड की व्यवस्था कर पाती एक घंटे में ऑक्सीजन का स्तर गिर जाने से उसकी मौत हो गई। इससे सीता देवी बिखर गई।
सीता देवी कहती हैं, अगर हमें समय पर ऑक्सीजन मिल जाती तो उनकी जान बच जाती। सीता देवी स्ट्रीट विजन सोशल चैरिटेबल ट्रस्ट नामक एक एनजीओ चलाती हैं। इसके जरिए ट्रांसजेंडर, एचआईवी प्रभावित महिलाओं और बच्चों की मदद की जाती है और झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों की मदद की जाती है। वह एक पुलिस समूह कवल करंगल का हिस्सा थी, जो बेघर लोगों को बचाने में था। उसे प्रति दिन 50 से अधिक कॉल आती हैं लेकिन उन सभी की मदद करना मुश्किल है। जैसे ही सीता का फोन आता है, स्वयंसेवक पीपीई किट पहनकर मरीजों को ऑक्सीजन देते हैं, जब तक कि उनका स्तर नहीं बढ़ जाता या उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कर दिया जाता।
सरकारी अस्पतालों में पहुंचा रही
वह यह भी सुनिश्चित करती है कि स्वयंसेवक सुरक्षित हैं। वह मरीजों को उनकी स्थिति के आधार पर विभिन्न सरकारी अस्पतालों में भी पहुंचा रही है। एक मरीज ने कहा, मैंने टेलीविजन पर ऑटोरिक्शा का नंबर देखा और उसे मदद के लिए डायल किया। मेरा परिवार बेड के लिए संघर्ष कर रहा था। मेरे ऑक्सीजन के स्तर में सुधार हुआ और मैं अपनी जान बचाने के लिए आभारी हूं। मेरा स्तर 72 प्रतिशत तक गिर गया।

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