संक्रमित मरीजों में पांच महिला चिकित्सक बताई जाती हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि कोरोना से संक्रमित डॉक्टरों की हालत स्थिर हैं। उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का इलाज सुचारू रूप से जारी है।
रेड जाने में अस्पताल
स्टेनली अस्पताल पहले से ही रेड जोन क्षेत्र में है और कंटेनमेंट जोन में भी है। गंभीर बीमारी और बुखार वाले की शिकायत लेकर रोजाना 3 से 4 हजार आते हैं। उनमें संक्रमण के स्रोत का पता नहीं लगाया जा सकता है। सभी डॉक्टरों को पर्याप्त पीपीई प्रदान किया जा रहा है। अस्पताल में स्थिति नियंत्रण में है।
छात्रावास खाली कराया
अधिकारियों ने कहा कि अंडर ग्रेजुऐट छात्रों के छात्रावास को खाली कराया दिया गया है और डॉक्टरों को निगरानी में रखा गया है। शीर्ष अधिकारियों का दावा है कि अस्पताल के डॉक्टर मरीजों के इलाज के दौरान संक्रमित हुए है लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि संक्रमित डॉक्टर के संपर्क में आने से अन्य डॉक्टर संक्रमित हुए है।
अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संक्रमित डॉक्टरों में से 9 मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं और वे कभी भी कोविड-19 में नहीं गए। फं्रटलाइन वॉरियर्स कुछ डॉक्टर अस्पताल प्रबंधन द्वारा आयोजित बैठक में शामिल हुए होंगे, जिनके संपर्क में ये आए होंगे।
स्टेनली में 744 मामले
स्टेनली सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में फिलहाल 744 पॉजिटिव केस हैं जबकि यहां केवल 400 बेड की क्षमता है। एक अधिकारी ने बताया कि स्पर्शोन्मुख मरीजों की शिफ्टिंग हो रही हो, लेकिन नॉर्थ चेन्नई से कोरोना संदिग्धों को सबसे पहले स्टेनली अस्पताल लाया जाता है। हम गंभीर मरीज को वरीयता देने की कोशिश करते हैं।
फं्रटलाइन के एक डॉक्टर ने कहा कि स्टेनल अस्पताल चेन्नई के सबसे अधिक प्रभावित इलाका रायपुरम में स्थित है जहां खतरा सबसे अधिक है। पर्याप्त पीपीई निश्चित रूप से सभी डॉक्टरों को प्रदान की जाती है लेकिन जोखिम भी बहुत ज्यादा रहता है।
स्टेनली अस्पताल के डीन डॉ. बालाजी ने कहा कि संक्रमित डॉक्टरों को क्वारंटाइन किया गया है जबकि दूसरे डॉक्टर आइसोलेशन वार्ड में सेवाए दे रहे है। अथक परिश्रम कर रहे हैं। चिंता की कोई बात नहीं है।