चेन्नई

COVID19: चेन्नई में अपराधी भी हुए लॉकडाउन, आपराधिक घटनाओं में कमी

लॉकडाउन में पुलिस की मुस्तैदी देखने को मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पेट्रोलिंग टीम ने आम दिनों की तुलना में दस गुना ज्यादा मूवमेंट किया है।

चेन्नईMar 26, 2020 / 07:05 pm

PURUSHOTTAM REDDY

चेन्नई.

कोरोना वायरस का खौफ का असर चेन्नई के अपराधियों में भी दिख रहा है। महानगर में आपराधिक गतिविधि कम हो गई है। लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा और कोई गंभीर अपराध नहीं हुए है। अपराधी भी कोरोना वायरस के डर से भूमिगत हो गए हैं। लॉकडाउन में पुलिस की मुस्तैदी देखने को मिली है। वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पेट्रोलिंग टीम ने आम दिनों की तुलना में दस गुना ज्यादा मूवमेंट किया है।

हालांकि लॉकडाउन के दौरान मॉनिंग वॉक और शाम को टहलने के लिए निकलने वाले लोग भी घरों से नहीं निकल रहे है। इसी का नतीजा रहा कि आम दिनों की तुलना में पिछले 5 दिन दिनों में राज्य में हत्या दुष्कर्म चोरी लूट डकैती और छिना-झपटी जैसी घटनाओं में काफी कमी आई है। अपराधी भी लॉक डाउन का पालन कर रहे हैं।

एक भी शिकायतकर्ता नहीं पहुंचा
सेंट थॉमस माउंट पुलिस निरीक्षक के अनुसार इस सप्ताह आम दिनों की तुलना में शिकायतकर्ता थाना नहीं पहुंचे रहे है जबकि आम दिनों में हमारे पुलिस थाने में कई लोग शिकायत लेकर पहुंचते है। पहले जनता कफ्र्यू और अब लॉकडाउन की वजह से क्षेत्र में विवाद और गंभीर मारपीट का मामला सामने नहीं आया। तस्माक दुकानें भी बंद है, इस वजह से कोई झगड़ा विवाद नहीं हो रहा है। वहीं पुलिस भी अपराधियों को पकडऩे के लिए दबिश को होल्ड कर लॉकडाउन का पालन कराने में जुटी हुई है। पुलिस लोकडाउन के पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।

ज्यादातर थानों में मामले दर्ज नही
एक अन्य पुलिस निरीक्षक ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के बाद लोगों में खौफ है। कोरोना वायरस का डर अपराधियों को भी सताने लगा है। लॉकडाउन के बाद वह भी पूरी तरह से घरों में लोग बंद हो गए हैं। ऐसी स्थिति में चेन्नई सहित राज्य में आपराधिक घटनाएं भी रुक गई है। महानगर के १३४ पुलिस थानों के ज्यादातर थानों में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ। सामान्य दिनों में रोजाना दर्जनों शिकायतें प्राप्त होती थी। अपराधियों की बात करें तो राज्य में हर दिन लगभग हत्या, दुष्कर्म , चोरी और छिना-झपटी की दर्जनों घटनाएं होती थी। लेकिन लॉकडाउन के दौरान स्थिति बदल गई है। इन सभी घटनाओं में कमी आई है।

144 का असर
राज्य में अपराध में कमी होने की बड़ी वजह कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर और पुलिस की ओर से लगाए गए धारा 144 का असर है। इसके कारण अपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। साथ ही शराब दुकानों के बंद होने के बाद खुले स्थानों में बैठकर शराब पीने के मामले में भी भारी कमी आई है।

घर में रहने की मजबूरी
बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, ऑटो स्टैंड, शराब दुकान, बार, रेस्टोरेंट आदि स्थानों के बंद होने का काफी असर पड़ा है। आमतौर पर इन स्थानों पर अपराधी, नशेड़ी और तस्कर सक्रिय रहते हैं। बंद होने की वजह से इन स्थानों में ऐसे लोग नदारद हो गए हैं। इस वजह से आपराधिक घटनाओं में भारी कमी आई है।

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