जानकारी के मुताबिक अजीत कुमार को पहले चश्मा उतारने को कहा गया और बाइक को पैदल चलकर गांव तक चलने को कहा। अजीत कुमार ने जब उनकी इस मांग को मानने से इनकार कर दिया तो गोपी नाम के एक युवक ने अजीत की भाभी के साथ दुव्र्यवहार करना शुरू कर दिया जिससे तनाव और बढ़ गया। हालांकि पहले तो उन्होंने अजीत कुमार और उसकी भाभी को जाने दिया, लेकिन कुछ देर बाद गोपी और उसके कुछ साथियों ने अजीत को रोका और उन पर हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक अजीत कुमार और उसके पिता पर पत्थर फेंके गए।
पीडि़त के मुताबिक मुझ पर एवं पिता व मां पर हमला किया गया। पुलिस ने मामले में गोपी और पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के खिलाफ अत्याचार के तहत मामला दर्ज किया गया लेकिन इसमें पीडि़त और गांव वालों के लिए जो सबसे चौंकाने वाली बात रही वह अजीत की गिरफ्तारी रही। आरोपी गोपी की शिकायत पर पुलिस ने अजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गोपी और उसके सहयोगियों ने आरोप लगाया कि अजीत ने भी उन पर हमला किया। हालांकि दलित समुदाय के लोगों ने राजनीतिक दलों पर वन्नियर समुदाय का समर्थन करने और केवल उनके पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है। पुलिस के अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि जो शिकायत मिली है उसी पर हम कार्रवाई कर रहे हैं।