चेन्नई

लॉकडाउन में खेल मैदान पर ताला लगा तो राजस्थान मूल के चेन्नई प्रवासी दलजीतसिंह ढड्ढा रोज घर की छत पर दस किमी पैदल चले

लॉकडाउन में खेल मैदान पर ताला लगा तो राजस्थान मूल के चेन्नई प्रवासी दलजीतसिंह ढड्ढा रोज घर की छत पर दस किमी पैदल चले- उम्र को दी मात, हौसले से विपरित हालात को किया पस्त- 35 साल से खेल रहे बॉलीबॉल, हर रोज तीन से चार घंटे खेलने में

चेन्नईJun 15, 2021 / 09:46 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

DALJEET SINGH DHADDHA

चेन्नई. हौसले यदि बुलंद हो तो फिर उम्र आड़े नहीं आती। आज जब छोटी उम्र में ही कई बीमारियां घेरने लगती है और थोड़ी दूरी के लिए भी बिना वाहन पहुंचना मुश्किल होता है। ऐसे समय में 64 साल के दलजीतसिंह ढड्ढा सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। जब लॉकडाउन में खेल के मैदान बन्द हो गए तो बॉलीबॉल के शौकीन दलजीतसिंह ढडढा ने घर की छत पर रोज दस किमी पैदल चलना शुरू कर दिया। भले ही वे बॉलीबॉल का अपना शौक तो पूरा नहीं कर सके लेकिन अपनी बॉडी को मैन्टेन बनाए रखा। दलजीतसिंह ढडढा पिछले करीब 35 वर्ष से बॉलीबॉल खेल रहे हैं। हर रोज वे सुबह तीन घंटे बॉलीबॉल खेलते हैं। रविवार को वे करीब दस घंटे तक बॉलीबाल खेलते हैं।
हालात कैसे भी हो बॉलीबॉल रोज खेलते हैं
दलजीतसिंह ढडढा मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई जोधपुर में हुई। बाद में बेंगलुरु आ गए और फिर चेन्नई में बिजनस शुरू कर दिया। चेन्नई आने के बाद वे बीच जाने के लिए रोज सुबह आठ किमी पैदल चलते थे। फिर बॉलीबॉल खेलना शुरू कर दिया जो अब तक जारी है। पहले वे चेन्नई के चूलै इलाके में बॉलीबॉल खेलते थे और पिछले दो साल से चेन्नई के एजी जैन हायर सैकण्डरी स्कूल परिसर में बॉलीबॉल खेल रहे है। लेकिन इस बीच लॉकडाउन लगा तो उनका बॉलीबॉल खेलना बन्द हो गया। तब उन्होंने अपने घर की छत पर रोज दस किमी पैदल चलना शुरू कर दिया।
बॉलीबॉल में जितनी दूरी उतनी रोज पैदल चलकर तय की
ढड्ढा कहते हैं, मैं बॉलीबॉल खेलना तो जारी नहीं रख सका लेकिन लॉकडाउन को खेल में बाधा नहीं बनने दिया। बॉलीबॉल के विकल्प के रूप में रोज दस किमी पैदल चला ताकि शरीर को स्वस्थ रखा जा सके। तीन से चार घंटे के बॉलीबॉल खेलने के दौरान भी लगभग इतनी दूरी तय हो जाती है।
सादा व पौष्टिक भोजन जरूरी
वे कहते हैं कि यदि शरीर को स्वस्थ-तंदुरुस्त रखना है तो रोज योग, व्यायाम या खेल को हमारे दैनिक जीवन में शामिल करना जरूरी है। खेल से न केवल आप शारीरिक रूप से फीट रहेंगे बल्कि मन भी शांत रहेगा। अपने मन में सकारात्मक विचारों को स्थान देकर एवं सादा व स्वास्थ्यवर्द्धक पौष्टिक भोजन को स्थान दें। स्वस्थ रहने का यही मूल मंत्र भी है।
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