यदि आकलन किया जाए तो चेन्नई महानगर की सड़कें अन्य शहरों की सड़कों से बेहतर हालत में हैं। उनकी समय-समय पर मरम्मत एवं डामरीकरण होता है। दुर्घटनाओं बचाव के लिए हर भारी क्रॉसिंग पर सिग्नल लगा है और पुलिस की व्यवस्था है।
इसके अलावा हर चार लेन या इससे अधिक लेन की सड़क पर पांच फीट ऊंचा डिवाइडर बना हुआ है जो किसी भी राज्य के शहर में नहीं है। इससे वाहन चालन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती।
इतनी सुविधाएं होने के बाद भी यहां दुर्घटनाओं का कारण अगर कोई है तो वह सड़कों के बीच से निकलने वाली सीवर लाइन के अस्त-व्यस्त मेनहोल जो वाहन चालकों के लिए किसी खतरे से कम नहीं।
गौरतलब है कि यहां न केवल बड़ी बल्कि छोटी सड़कों के नीचे से भी सीवर लाइन डाली हुई है। इस सीवर लाइन के मेनहोल जो रोड पर बनाए गए हैं उनमें से केवल दस प्रतिशत मेनहोल ही ऐसे हैं जो रोड के बराबर हैं। अधिकांश मेनहोल सड़क से काफी ऊपर उठे हुए हैं।
कई मेनहोल तो इतने ऊंचे हैं जिन पर दुपहिया वाहन चढ़ जाए और चालक का हाथ ढीला हो तो गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है और कई बार हो भी जाते हैं।
इसके अलावा अधिकांश मेनहोल सड़क पर गड्ढे की तरह है जो रोड से करीब चार इंच तक नीचे होते हैं जिसमें वाहन गिर जाए तो दुर्घटना का कारण बन जाए। इतना ही नहीं बहुत मेनहोल ऐसे भी हैं जो टेढ़े-बांके लगे हैं यानी एक तरफ ऊंचे तो दूसरी ओर नीचे और उनके पास रोड पर गड्ढा पड़ा हुआ है। ऐसे मेनहोल बहुत खतरनाक साबित होते हैं क्योंकि एक मेनहोल समतल नहीं दूसरे उसके पास पड़ा गड्ढा दुपहिया वाहन चालक को गिराकर दुर्घटनाग्रस्त भी कर सकता है।
सीवर लाइन की सफाई करने वाले लोग जानते हैं कि रोड पर वाहनों की चाल कितनी तेज होती है इसके बावजूद जब वे सीवर की सफाई करते हैं तब मेनहोल का ढक्कन खुला छोड़कर कई दिन तक गायब हो जाते हैं और यदि ढक्कन लगा भी गए तो उसका कचरा मेनहोल के पास की इकट्ठा कर ढेरी लगा देते हैं जो कई दिन तक उठाया नहीं जाता।
उस पर बेरिकेड और रख जाते हैं जो दुपहिया वाहन चालकों के लिए उलझन का काम करता है। खतरे का पता होने के बावजूद वे इस समस्या पर ध्यान नहीं देते।
इनका कहना है…
महानगर की सड़कें अन्य राज्य के शहरों से काफी अच्छी एवं समतल हैं लेकिन इनके बीच से निकलने वाली सीवर लाइन के मेनहोल दुपहिया वाहनों के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। यदि थोड़ा भी चालक ढीला रह जाए और अस्तव्यस्त मेनहोल आ जाए तो गिराकर दुर्घटनाग्रस्त कर सकता है। इसलिए महानगर निगम को इन मेनहोलों को सड़क के बराबर करवान की व्यवस्था करनी चाहिए।
– मैनाराम, नौकरीपेशा, पल्लीकरणै
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केवल सड़कें मरम्मतयुक्त हो यही जरूरी नहीं है इनके बीच स्थित सीवर लाइन के मेनहोल समतल होना भी जरूरी है। इनका समतल नहीं होना दुपहिया वाहन चालकों के लिए खतरा है। जरा भी चूके तो दुर्घटना होते देर नहीं लगती।
– नीलू, गृहिणी, मेडवाक्कम
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छोटी रोड पर तो लोग वैसे भी अपना वाहन धीरे एवं देखकर चलाते हैं क्योंकि उनकी चौड़ाई कम और उन पर भीड़ अधिक होती है। लेकिन बड़ी रोड जिन पर दिनभर हजारों वाहनों का आवागमन होता है उनके बीच ऊंचे-नीचे मेनहोल होना वाहन चालकों के लिए किसी भी सिरदर्द से कम नहीं है क्योंकि उनके कारण वाहनों के बीच से अपना वाहन निकालना बहुत मुश्किल होता है।
– कार्तिक, व्यवसायी, वेलचेरी
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सरकार को सारी सड़कों के बीच से निकलने वाली सीवर लाइन के मेनहोलों की मरम्मत करवाकर उनको समतल करवाना चाहिए। इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी। साथ ही लोग निश्चिंत होकर वाहन चला सकेंगे।
– कुशलराज, व्यवसायी, मडिपाक्कम
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