मिलिट्री क्रास अवार्ड युवा कप्तान के रूप में कार्य करते समय वे बर्मा में घायल हो गए थे। 1942 में दुश्मनों के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए उन्हें मिलिट्री क्रास अवार्ड दिया गया। 1946-47 के दौरान मानेकशाह ने मिलिट्री आपरेशन निदेशालय में तैनात रहे। इस दौरान जम्मू कश्मीर में मिलिट्री आपरेशन में अहम भूमिका निभाई। 1962 के आपरेशन के दौरान विशिष्ट नेतृत्व किया।
पद्म विभूषण से नवाजे गए वे इन्फेन्ट्री स्कूल महोव व रक्षा सेवा स्टाफ कालेज वेलिंगटन के कमांडेंट भी रहे। उन्हें 1968 में पद्म भूषण से नवाजा गया। 8 जनवरी 1969 को उन्होंने सेनाध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला। 1971 में भारतीय सेना के अग्रणी अभियान में बांग्लादेश से 13 दिन में जीत दिलाई। 1972 में वे पद्म विभूषण से नवाजे गए।