शून्यकाल में एमडीएमके सदस्य वाइको ने चेन्नई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ स्थापित किए जाने की मांग करते हुए कहा कि ऐसा होने पर खुद हाईकोर्ट का ही बोझ कम होगा। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में 54,013 मामले लंबित हैं।
वाइको ने कहा कि उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है और दक्षिण भारतीय राज्यों के लोगों को उच्च न्यायालयों के फैसलों को आवश्यकता के अनुसार उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए दिल्ली आना पड़ता है। यहां आने ठहरने पर होने वाला खर्च और भाषा की दिक्कत तथा अन्य समस्याएं होती हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से राहत मिल सकती है। अगर चेन्नई में सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ स्थापित कर दी जाए।
दिल्ली में खर्च और भाषा की दिक्कत डीएमके के पी विल्सन ने कहा कि पूर्व में स्थायी संसदीय समितियां उच्चतम न्यायालय के क्षेत्रीय पीठ स्थापित किए जाने की सिफारिश कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली आने ठहरने पर होने वाला खर्च और भाषा की दिक्कत तथा अन्य समस्याओं के कारण वही लोग उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं जो इनका सामना कर सकते हैं। विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। इनमें से ज्यादातर सदस्य दक्षिण भारतीय राज्यों के थे।