इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जी. विश्वनाथन ने कहा कि देश की जनता जल एवं खेत का सरंक्षण करे, खासकर जल बचाने में जी जान लगाए। देश में चल रही मनरेगा योजना से काफी लोग लाभाविन्त हो रहे हैं लेकिन कई राज्यों में इस योजना में भ्रष्टाचार व घपला भी उजगार हुआ है। सरकार भ्रष्टाचार पर कड़ाई से रोक लगाए।
उन्होंने बताया कि गत दस वर्षों में मनरेगा पर सरकार 40 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। किसानों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया नहीं कराने के कारण गांवों से काफी संख्या में युवा नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
किसानों को खेती के लिए सुविधाएं देने से युवाओं में खेती करने की ललक पैदा होगी और पलायन रुकेगा। कुलपति ने कहा ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करने से ही देश का विकास संभव है। एनएसएस शिविर के दौरान विद्यार्थी ग्रामीण इलाकों में जनता को स्वच्छता व स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के अलावा लोगों के साथ मिलकर सफाई करेंगे।
इन छह दिनों में वे उसुर, अन्पुण्डी, पल्लीगोंण्डा, अरिउर, मेलमनूर, इलवम्बाडी, सेम्बेंड आदि गांवों के राजकीय उच्च विद्यालय में जाकर स्कूली बच्चों को गणित व अंग्रेजी के साथ कम्प्यूटर सिखाएंगे। कार्यक्रम में वीआईटी के उपाध्यक्ष जी.वी.सेल्वम, सहायक उपकुलपति नारायणन, वन अधिकारी दिनकर कुमार, प्रधानाध्यापक मूर्ति इत्यादि उपस्थित थे।
वीआईटी का राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर शुरू
किसानों को खेती के लिए सुविधाएं देने से युवाओं में खेती करने की ललक पैदा होगी और पलायन रुकेगा। कुलपति ने कहा ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करने से ही देश का विकास संभव है।