मदुरै (madurai) में चल रहे 12-दिवसीय वार्षिक चिथिराई ब्रह्मोत्सवम उत्सव के एक हिस्से के रूप में यह दिव्य विवाह आयोजित किया गया। इस दिव्य विवाह के बाद काफी संख्या में महिला श्रद्धालु अपने मंगलसूत्रों को बदलती हैं। दिव्य विवाह के बाद देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को सार्वजनिक दर्शन के लिए थिरुक्कल्याण मंडपम में रखा गया और फिर चांदी के हाथी पर भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।
कोविड महामारी (Covid-19 Pandemin) के कारण पिछले दो सालों से इस कार्यक्रम को देखने के लिए देश-विदेश के श्रद्धालु (Devotees) नहीं आ पा रहे थे लेकिन इस साल महामारी में कमी आने के बाद भक्तों की संख्या काफी अधिक देखी गई। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर के चारों ओर आदि, चिथिराई और आवणी गलियों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया है। इस अवसर पर मंदिर प्रशासन ने हजारों श्रद्धालुओं के लिए भोजन का प्रबंध किया।