यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कार्तिका ने कहा कि मैं अपने प्रतिदिन के जीवन के लिए अपने परिवार के सदस्यों पर हमेशा से निर्भर रही हूं लेकिन बचपन से ही मैं जो भी काम करती हूं उसमें सीखने एवं सर्वश्रेष्ठ करने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं। कलर्स तमिल ने हमारे सपनों को पूरा करने में मदद की है। हमने अपने डिएबिलिटी पर विजय पाई।
वह यूनिवर्सिटी टॉपर रही है। वर्तमान में वे प्रिङ्क्षसपल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में जूनियर सहायक हैं। वे पुरस्कार की इस राशि से गूंगे बहरे लोगों की मदद करेंगी। इस मौके पर वायकाम 18 रिजनल इन्टरटेन्मेंट कलस्टर हेड रविश कुमार तथा कलर्स तमिल के बिजनेस हेड अनूप चंद्रशेखरन तथा राधिका शरतकुमर ने भी विचार व्यक्त किए।