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प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध का असर गायब

locationचेन्नईPublished: Mar 27, 2019 12:57:05 am

तमिलनाडु में प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग पिछले तीन महीने से प्रतिबंधित है लेकिन यह नहीं लगता प्लास्टिक के उत्पादों का उपयोग बाजार में…

Disclosure of plastic ban on plastic products

Disclosure of plastic ban on plastic products

चेन्नई।तमिलनाडु में प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग पिछले तीन महीने से प्रतिबंधित है लेकिन यह नहीं लगता प्लास्टिक के उत्पादों का उपयोग बाजार में बंद हो गया हो, चारों ओर खुलेआम काम में लिया जा रहा है। महानगर के प्रमुख बाजारों और दुकानों पर नजर डालने से तो प्रतीत होता है प्लास्टिक उत्पादों के इस्तेमाल और बिक्री में किसी प्रकार की कमी नहीं आई है।

दुकानदार प्लास्टिक उत्पादों का उपयोग धड़ल्ले कर रहे हैं और वह भी खुलेआम। हालांकि बाजार के थोक व्यवसायी यह मान रहे हैं हालांकि सरकार ने शहर में प्लास्टिक उत्पादों पर रोक लगा दी है लेकिन यह पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं हो पाया है। फर्क केवल इतना ही है कि इसे प्रतिबंधित करने से इसका उपयोग कम हो रहा है।

बतादें कि महानगर के सबसे बड़े बाजार कोयम्बेडु मार्केट की ऐसी कोई स्टॉल नहीं है जहां प्लास्टिक बैग उपलब्ध नहीं है। फूल, फल और सब्जियों के बाजार समेत फुटपाथी विक्रेता भी पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। हालांकि जनवरी और फरवरी महीने में प्लास्टिक उत्पादों का इस्तेमाल बहुत कम हो गया था। दुकानदार इसका उपयोग तो करते थे लेकिन चोरी छिपे। अब जब प्रशासन एवं निगम अधिकारियों की ढील मिलते ही प्लास्टिक का उपयोग बेरोकटोक होने लगा है। इधर ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन यह दावा करता है कि महानगर ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य जिलों में भी प्लास्टिक उत्पाद पूरी तरह प्रतिबंधित है। हर जगह छापेमारी की जा रही है। बावजूद इसके महानगर के अधिकांश इलाकों की दुकानों में प्लास्टिक की थैलियोंं में वस्तुएं डालकर दी जा रही हैं।

गौरतलब है कि जनवरी माह में महानगर की लगभग २५ हजार दुकानों में छापेमारी की गई थी और ८६ टन प्लास्टिक उत्पाद जब्त किए गए थे जबकि फरवरी में औचक निरीक्षण में २४ टन प्लास्टिक उत्पाद बरामद किए गए।

चालू मास मार्च में अब तक महज सात टन प्लास्टिक उत्पाद जब्त किए गए हैं। इससे पता चलता है कि ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के अधिकारी प्लास्टिक उत्पाद के प्रतिबंध के लिए गभीर नहीं है। जब पत्रिका संवाददाता ने ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के अधिकारियों इस बारे में जानकारी लेनी चाही तो उनका कहना था कि अभी चुनाव का समय है। आचार संहिता लागू है। हमें चुनाव से जुड़े काम में ज्यादा समय देने पड़ रहा है इसलिए अभी कार्रवाई में ढिलाई आई है लेकिन फिर भी हम इसे गहराई से ले रहे हैं।

यह सवाल पूछने पर कि प्रतिबंध के बावजूद इतनी भारी मात्रा में प्लास्टिक की थैलियां बाजार में कहां से उपलब्ध हो रही हैं, इस पर उनका जबाव था कि कुछ लोग चुपके से इसकी आपूर्ति कर रहे हैं जिनका पता लगाकर उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।

इनका कहना है….

महानगर में सभी दुकानों में प्लास्टिक का बैग मिल रहे हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती, सिर्फ कोयम्बेडु बाजार को ही टारगेट किया जाता है। हमें फूलों के व्यवसाय के अलावा कोई और इल्म नहीं है और फूलों को ताजा रखने के लिए पॉलीथिन से बेहतर कोई थैला नहीं है। यह सस्ता भी है और बेहद हल्का भी, जबकि कपड़े और अन्य थैले बेहद महंगे हैं।वेंकटेशन, फूल व्यवसायी, कोयम्बेडु मार्केट

हमारी कोशिश है प्रदूषण खत्म करने के लिए राज्य में पूर्णरूपेण प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगे। इसके लिए गे्रटर चेन्नई कॉर्पोरेशन अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हंै, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण अधिकारियों पर वर्क लोड अधिक है इसलिए वे इस ओर अधिक ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। फिर भी हमारा प्रयास है कि हम इसे पूर्ण प्रतिबंधित करने में सफल होंगे।
जी. प्रकाशम, आयुक्त, ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन

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