स्टालिन सोमवार को बाढ़ की वजह से मारे गए दो लोगों के परिजनों से मिले और उनको सांत्वना दी। पीडि़त परिवारों को उन्होंने एक-एक लाख रुपए की वित्तीय मदद भी दी।
स्टालिन ने पत्रकारों से वार्ता में कहा डीएमके के शासनकाल में कुडलूर से मेट्टपालयम तक बाढ़ के पानी की निकासी के लिए नालियों की मरम्मत की गई थी। एआईएडीएमके सरकार को भी ऐसे ही उपाय तत्काल करने चाहिए। ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर पानी नहीं ठहरे इसलिए सीमेंट की सड़कें डाली जाए।
स्टालिन ने कहा अस्थाई शिविरों में बसे लोगों को जबरदस्ती हटाए जाने की खबर है जो कि चिंताजनक है, इसे रोका जाए। शिविरों में प्रभावितों को उस वक्त तक रखा जाए जब तक कि उनके घरों में भरा पानी नहीं निकाल दिया जाता।
स्टालिन ने सरकार की प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाढ़ को लेकर एहतियाती उपाय अवश्य किए जाने थे। अगर ऐसा किया जाता तो हालात बदतर नहीं होते। अब चेतने की आवश्यकता है तथा त्वरित गति से राहत व बचाव के पूरे उपाय किए जाएं।
पार्टी प्रभावितों के दुख में साथ है तथा उनमें राहत सामग्री बांटी गई है। उन्होंने कहा सरकार के मंत्री कोरी लोकप्रियता के लिए दौरा कर रहे हैं।
डीएमके अध्यक्ष ने बाढ़ से हुई क्षति का विवरण देते हुए कहा कि पार्टी के नीलगिरि सांसद ए. राजा निर्वाचन क्षेत्र विकास कोष से ३ करोड़ रुपए देने वाले हैं। इसी तरह पार्टी के स्थानीय विधायक व राज्यसभा सांसदों की ओर से भी ७ करोड़ रुपए का वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।