कडलूर तालुक में डीएमके ने शुरू नहीं किया प्रचार
चेन्नईPublished: Apr 01, 2019 02:31:14 pm
– तालुक का बड़ा हिस्सा न्यूनतम आय योजना से अनजान
कड्लूर. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने गरीबों का वोट बटोरने के लिए न्यूनतम आय योजना (न्याय) का बड़ा दांव खेला है। अब प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह योजना की ब्रांडिंग कर गरीब वोटरों तक योजना की जानकारी पहुंचाए।
कांग्रेस की न्यूनतम आय गारंटी योजना की घोषणा के बाद भी कडलूर तालुक के अधिकांश हिस्से में चुनावी वादे न्याय से लोग अनजान हैं।
डीएमके ने अभी तक इस क्षेत्र में न्यूनतम योजना जिसमें 72,000 रुपए प्रतिवर्ष या 6,000 रुपए प्रतिमाह 20 प्रतिशत गरीबों को देने का वादा करती है का अभियान शुरू नहीं किया है। डीएमके राज्य में कांग्रेस के इस दांव का लहर बनाने में विफल रही है।
रासापेटै गांव के मछुआरा समुदाय की शांति ने बताया कि कांग्रेस की इस घोषणा से हम अवगत नहीं हैं। अगर कांग्रेस का वादा गंभीर है, तो हम इसका स्वागत करते हैं।
यहां की महिलाओं की सबसे बड़ी परेशानी शराब है। चुनावी के समय शराबबंदी का वादा तो होता है लेकिन इस पर अमल नहीं होता। यहां लगभग 200 परिवार रहते हैं और सभी के किशोर भी शराब के आदी हो चुके हैं।
दो बेटियों की मां गौमती ने कहा शराब के लिए मेरा पति हमारी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सुरक्षित रखता है। मैं घर चलाने के लिए बहुत कम बचा पाती हूं।
अगर हम हर महीने एक निश्चित आय प्राप्त करते हैं तो हमारे बच्चे और परिवार के लिए उपयोगी हो सकता है लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं है। आय का आधे हिस्से की पति शराब पी जाता है ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल हो जाता है। कमाई हुई पूरी राशि हाथ में आती है तो घर चलाने में आसान होगा अन्यथा वह भी बेकार जाएगा।
उसने कहा वह हर महीने 2,000 से 3,500 रुपए के बीच घर चलाती हैं। कांग्रेस ने महिलाओं के बैंक खातों में राशि जमा करने का भी वादा किया है। अगर ऐसा है तो उसे घर चलाने में मदद मिलेगी।
डीएमके के किसी उम्मीदवार द्वारा औपचारिक प्रचार शुरू नहीं किया गया है जिस वजह से इन भागों में न्यूनतम आय गारंटी के बारे में लोगों को पता ही नहीं है।
रेड्डी चावड़ी के तिल्लैम्माल पी ने कहा कि अगर यह उनके अभियान का हिस्सा भी बन जाता है, तब भी हम उसके झांसे में नहीं आएंगे। निराश्रित विधवा पेंशन योजना के लिए वह 1000 रुपए दिए जाते हैं जो हर महीने नहीं मिलते।
इसी इलाके के काशी ने बताया हमसे हमारे खाते में 15 लाख रुपए डालने का वादा किया गया था लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
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