मतदाताओं को भ्रमित कर डीएमके को मिली सफलता : मुख्यमंत्री
चेन्नईPublished: Jul 03, 2019 03:44:38 pm
विधानसभा सत्र के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री CM एडपाडी के. पलनीस्वामी ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके पर मतदाताओं को भ्रमित कर चुनाव election में जीत हासिल करने का आरोप लगाया।
मतदाताओं को भ्रमित कर डीएमके को मिली सफलता : मुख्यमंत्री
चेन्नई. विधानसभा सत्र के दौरान मंगलवार को मुख्यमंत्री CM एडपाडी के. पलनीस्वामी ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके पर मतदाताओं को भ्रमित कर चुनाव election में जीत हासिल करने का आरोप लगाया। जिसके जबाव में डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन Stalin ने कहा कि सत्ता में आने पर डीएमके अपने सभी चुनावी वादों को पूरा करेगी।
प्रश्नकाल के दौरान पर्यावरण और जंगलों के लिए अनुदान की मांग के बीच डीएमके सदस्य टी. उदयसूर्यन ने कहा स्टालिन नेतृत्व में डीएमके को लोकसभा और उपचुनाव में भारी सफलता मिली। पार्टी को दिंडीगुल लोकसभा सीट पर पांच लाख से अधिक वोटों से जीत मिली और संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई।
इस पर प्रतिक्रिया करते हुए पलनीस्वामी ने कहा डीएमके को यह सफलता लुभावने वादे कर मतदाताओं को भ्रमित करने से मिली है। उन्होंने कहा डीएमके ने फसल, ज्वेलरी और एजुकेशन लोन को माफ करने के साथ ६ हजार रुपए प्रत्येक परिवार को देने के चुनावी वादे किए जिनको पूरा करना असंभव है। डीएमके की सफलता उस प्रकार की है जैसे किसी छोटे बच्चे को चॉकलेट का लालच देकर फुसलाया जाता है। जबकि एआईएडीएमके ने चुनाव में अपनी प्रचलित और भावी योजनाओं का प्रचार किया।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने कहा कि सत्ता में आने पर डीएमके मतदाताओं से किए गए सभी वादों को पूरा करेगी। जल्द ही डीएमके सत्ता में आएगी और वादों को पूरा किया जाएगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।
इस बीच मुख्यमंत्री ने कटाक्ष किया और स्टालिन को आर.के. नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में डीएमके की मिली हार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भले ही टीटीवी दिनकरण को सफलता मिली हो लेकिन एआईएडीएमके को डीएमके से ज्यादा वोट मिले थे। जमानत जब्त होने के बाद जब डीएमके को ऐसी सफलता मिल सकती है तो एआईएडीएमके को क्यों नहीं मिलेगी? डी. जयकुमार ने कहा कि जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एम.जी. रामचंद्रन की सत्ता थी तो डीएमके के सदस्य फोर्ट सेंट जॉर्ज में प्रवेश भी नहीं कर पाते थे।