जज निर्मल कुमार ने सेंथिल बालाजी के वकील एस. प्रभाकरण व सरकारी अभियोजक ए. नटराजन की दलीलें सुनीं और फैसला सुरक्षित कर लिया।
मामला नामक्कल पुलिस ने दर्ज किया है। करूर जिला कलक्टर ने शिकायत दी कि अरवाकुरिची विधायक सेंथिल बालाजी २५ जनों के साथ उनके दफ्तर में घुसे और खुले तौर पर जान से मारने की धमकी दी।
विधायक के वकील ने इस आरोप को बेबुनियाद और झूठा बताया। उनका कहना था कि १२ मई की घटना की शिकायत १६ मई को दर्ज कराई गई। पूर्व अनुमति के साथ ही विधायक ने कलक्टर से भेंट की थी। कोविड-१९ में जनता की आपत्तियों के निराकरण को लेकर कलक्टर से सही प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद प्रेस मीट में विधायक ने अपना रोष जताया था।
जमानत का विरोध करते हुए लोक अभियोजक ए. नटराजन ने कहा कि विधायक का बर्ताव सही नहीं था यहां तक कि उन्होंने जिला कलक्टर को धमकी भी दे डाली। आरोपी के खिलाफ पहले ही दस से अधिक मामले लम्बित हैं। वह इस तरह के अपराध के आदी हैं और ऐसा आचरण के बाद कोर्ट जमानत के लिए पहुंच जाते हैं।