–मुसलमानों और श्रीलंकाई तमिलों को अधिनियम के दायरे से बाहर क्यों रखा गया उन्होंने कहा वे जानना चाहते हैं कि मुसलमानों और श्रीलंकाई तमिलों को अधिनियम के दायरे से बाहर क्यों रखा गया है। एआईएडीएमके के लोकसभा सांसद और ११ राज्यसभा सांसदों ने दोनों सदनों में बिल का विरोध किया होता तो देशभर में प्रदर्शन और हिंसा नहीं होती। प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि वे अधिनियम में बदलाव करने को तैयार हैं। ऐसे में अमित शाह से आग्रह है कि सर्वदलीय बैठक बुलाकर अधिनियम पर चर्चा करें।
–लाखों श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता दी गई उन्होंने कहा पिछले तीन दशकों से तमिलनाडु में रह रहे श्रीलंकाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता क्यों नहीं दी गई? शाह ने कहा था कि लाखों श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता दी गई है। वास्तविकता यह है कि श्रीलंका में रहने वाले तमिलों को नागरिकता दी गई थी, लेकिन हम चाहते हैं तमिलनाडु में रह रहे श्रीलंकाई शरणार्थियों को नागरिकता मिले। उन्होंने कहा बुधवार को डीएमके अपनी सहयोगी पार्टियों से मुलाकात कर अपने अगले कदम पर चर्चा करेगी।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को ही स्टालिन ने राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों के सदस्यों से सीएए के विरोध में प्रस्तावित राज्यव्यापी प्रदर्शन में भाग लेने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था कि सीएए लागू करने को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी एआईएडीएमके और भाजपा सरकार के खिलाफ प्रस्तावित प्रदर्शन में सभी पार्टियों के सदस्यों को शामिल होना चाहिए। यह संविधान के खिलाफ है ऐसे में राज्य की जनता को आगामी स्थानीय निकाय चुनाव में एआईएडीएमके को सबक सिखानाही चाहिए। देश को बचाने के लिए सभी दलों को एक मंच पर आने की जरूरत है।