आंदोलन की वजह यह थी कि प्लांट से हो रहे प्रदूषण भूमिगत जलस्तर विषैला हो रहा था। स्थानीय जनता से जब पत्रिका की टीम रूबरू हुई तब उन लोगों ने इस आरोप को दोहराया था। वे यहां तक बोले कि भले ही भूखे रह जाएं लेकिन यह प्लांट हमें किसी भी कीमत पर नहीं चाहिए।
कंपनी ने भी हाईकोर्ट, एनजीटी और बाद में सुप्रीम कोर्ट तक की शरण ली ताकि प्लांट का संचालन शुरू हो सके लेकिन अभी तक तो वहां ताला है। विपक्षी दलों ने पुलिस फायरिंग को चुनावी मसला भी बनाया। प्लांट को बंद किए जाने का सरकार का यह फैसला तमिलनाडु में नया नहीं है। जयललिता के शासनकाल में इसे बंद किया गया था लेकिन फिर एनजीटी ने इसे अनुमति दे दी थी। लेकिन पलनीस्वामी सरकार पूरी तरह आश्वस्त है कि इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
डीएमके अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने जनता से वादा किया है कि अगर उनकी सरकार बनती है तो यह प्लांट स्थाई तौर पर बंद ही रहेगा। वहीं अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम के संस्थापक टीटीवी दिनकरण ने पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के लिए स्मारक बनाने की मांग की है।
पहली बरसी को लेकर तुत्तुकुड़ी में शांतिपूर्ण तरीके से शोकसभा प्रस्तावित है। इसे पहले जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। फिर हाईकोर्ट ने इसे सशर्त मंजूरी दे दी। जिसके तहत शोकसभा किसी परिसर के भीतर ही होगी और उसमें अधिकतम २५० लोग ही शामिल हो सकेंगे। अधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण और जनता की भावनाओं की कद्र करते हुए अगर यह कॉपर सदैव बंद रहे तो सभी के लिए अच्छा होगा।
स्टरलाइट प्लांट को स्थाई रूप से बंद करेंगे : डीएमके
करेंगे नीतिगत निर्णय
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के अध्यक्ष एम. के. स्टालिन का कहना है कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनी तो तुत्तुकुड़ी स्थित कॉपर प्लांट को स्थाई रूप से बंद करने संबंधी नीतिगत निर्णय किया जाएगा।
स्टालिन ने मंगलवार को वक्तव्य में २२ मई को तमिलनाडु का काला दिवस बताया कि इस दिन स्टरलाइट प्लांट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे १३ जनों को गोलियों से भुन दिया गया। सीएम पलनीस्वामी द्वारा विधानसभा के भीतर और बाहर इस कार्रवाई को जायज बताए जाने को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। इस घटना ने तुत्तुकुड़ी ही बल्कि पूरे तमिलनाडु की जनता को झकझोरा तो मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को स्तब्ध कर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब सत्तारूढ़ पार्टी इस घटना की पहली बरसी पर शोक सभा के आयोजन में भी रुकावट डाल रही है। एक तरफ शोकसभा पर रोक और दूसरी ओर स्टरलाइट प्लांट को बंद करने का नीतिगत निर्णय करना सरकार के जनता के साथ छल को दर्शाता है। इस अन्याय को जनता ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं करने वाली है।
पुलिस कार्रवाई की इस बरसी पर स्टालिन ने फायरिंग का शिकार हुए तेरह जनों के परिजनों और लाठीचार्ज का सामना करने वाले सैकड़ों लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा जल्द ही डीएमके की सरकार बनने जा रही है। सरकार बनते ही फायरिंग का आदेश देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीडि़त परिवारों के साथ उचित इंसाफ होगा। कैबिनेट की बैठक बुलाकर नीतिगत निर्णय लेते हुए स्टरलाइट प्लांट को स्थाई रूप से बंद किया जाएगा।