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Domestic Violence : पति से पिटाई 45 फीसदी महिलाओं ने जायज बताई

locationचेन्नईPublished: May 13, 2022 12:24:28 am

Submitted by:

arun Kumar

Domestic Violence : एनएफएचएस-5 NFHS- 5 की रिपोर्ट के अनुसार देश की 45 फीसदी महिलाओं और 44 फीसदी पुरुषों का मानना है कि पति अपनी पत्नी को पीट सकता है अगर पत्नी बिना बताए घर से बाहर जाती है, बच्चों की सही से देखभाल नहीं करती है, घर के काम सही से नहीं करती है, पति Husband से बहस करती है, शारीरिक संबंध Physical relation से मना करती है, भोजन सही से नही बनाती है, ससुराल वालों का अनादर करती है या फिर अन्य पुरुष के संपर्क में रहती है।

Domestic Violence : पति से पिटाई 45 फीसदी महिलाओं ने जायज बताई

Domestic Violence : पति से पिटाई 45 फीसदी महिलाओं ने जायज बताई

अरुण कुमार

जयपुर. वैवाहिक बलात्कार पर बहस के बीच राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) ने महिलाओं की स्वतंत्रता और अधिकारों पर एक नई बहस छेड़ दी है। एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार देश की 45 फीसदी महिलाओं और 44 फीसदी पुरुषों का मानना है कि पति अपनी पत्नी को पीट सकता है अगर पत्नी बिना बताए घर से बाहर जाती है, बच्चों की सही से देखभाल नहीं करती है, घर के काम सही से नहीं करती है, पति से बहस करती है, शारीरिक संबंध से मना करती है, भोजन सही से नही बनाती है, ससुराल वालों का अनादर करती है या फिर अन्य पुरुष के संपर्क में रहती है। सर्वे में 15-49 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया। खास बात है कि एनएफएचएस-४ (2015-16) में इन सभी बातों को 52त्न महिलाओं तो 42त्न पुरुषों ने सही ठहराया था। यानि कि इस बार 7 फीसदी कम महिलाएं इसके समर्थन में रहीं जबकि पुरुषों की इस अजीब सोच में 2 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। हालांंकि सर्वे में यह सपष्ट नहीं है कि महिलाओं की पिटाई करने वाली 45 फीसदी महिलाओं में कितनी ग्रामीण और कितनी शहरी हैं।
एनएफएचएस-5 में यह भी कहा गया है कि भारत में 80त्न महिलाएं और 66त्न पुरुष मानते हैं कि महिला शारीरिक संबंध से मना कर सकती है यदि पति को कोई यौन रोग है, पति दूसरी महिला से संबंध रखता है या फिर महिला थकी हुई है। हालांकि 8 फीसदी महिलाएं और 10 फीसदी पुरुष अब भी मानते हैं कि पत्नी किसी कारण भी पति को शारीरिक संबंध से मना नहीं कर सकती है।

नहीं बदल रही मानसिकता
सर्वे में 19 फीसदी पुरुषों ने माना कि अगर पत्नी यौन संबंध से इनकार करती है तो पति को गुस्सा करने और महिला को फटकारने या पीटने का अधिकार है। इनमें भी 6 फीसदी पुरुष मानते हैं कि उन्हें पत्नी को डांटने, उसे पैसे नहीं देने तथा जबरन शारीरिक संबंध का अधिकार है।

भारत में उलझे हैं प्रावधान
भारत में वैवाहिक बलात्कार का प्रावधान नहीं है। अदालतें अपनी समझ से ऐसे मामलों पर निर्णय देती हैं। केंद्र सरकार ने जनवरी 2022 में दिल्ली हाईकोर्ट में वैवाहिक दुष्कर्म की एक याचिका पर कहा कि भारत को इस मामले में सावधानी से आगे बढऩे की जरूरत है। हमें पश्चिमी देशों का अनुसरण नहीं करना चाहिए। भारत की अपनी समस्याएं हैं और इन पर गौर करना जरूरी है।

 

 

भारत में मुश्किल क्यों
– पति या पत्नी को कोर्ट में वैवाहिक दुष्कर्म साबित करना सबसे कठिन है। कोई कैसे बताएगा कि यौन संबंध के दौरान क्या और कैसे हिंसा हुई।
– विवाह की पवित्रता की लकीर वैवाहिक दुष्कर्म से ज्यादा बड़ी है। कोई इसे तोडऩे की हिम्मत नहीं जुटा पाता है।
– भारत में 98 फीसदी से अधिक मैरिटल रेप के मामले समाज या परिवार के डर से कभी सामने ही नहीं आ पाते।

रेप तो रेप है… पति करे या कोई और
महिलाएं लगातार वैवाहिक दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। रेप तो रेप है चाहे पति करे या कोई और…। मौजूदा कानून में इसका समाधान है, इसके लिए अलग कानून की जरूरत नहीं है। कमी है तो सिर्फ इसे लागू करने में।
– रेखा शर्मा, अध्यक्ष, राष्ट्रीय महिला आयोग

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