उन्होंने कहा कि राज्य में महाराष्ट्र जैसी स्थिति बनने से रोकने के लिए गैर विरोधी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के लिए निश्चित रूप से कदम उठाए जाएंगे। जरूरत के हिसाब से क्रमश: गैर विरोधी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। विशेषज्ञों के साथ बैठक करने के बाद ही इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा। लोगों को घबराने के बजाय कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। राधाकृष्णन ने कहा लोगों को अनावश्यक रूप से यात्रा करने से बचने के साथ ही भीड़ भाड़ वाले जगहों पर जाने से भी बचना चाहिए। कंटेनमेंट जोनो में प्रतिबंध कड़े कर स्वयंसेवकों के माध्यम से लोगों तक खाद्य सामग्री का वितरण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकाल के उल्लंघन के कारण ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अगर लोग मास्क लगाकर सामाजिक दूरी का पालन करें तो मामलों में कमी आ सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से राज्य भर में कोरोना के मामले काफी तेजी से फैल रहे है। राज्य सरकार जनता से सरकार के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आग्रह कर रही है। राज्य सरकार ने शनिवार को कहा था कि कोरोना महामारी के प्रसार को ध्यान में रखते हुए जरूरत के हिसाब से प्रतिबंधो को तेज किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में तमिलनाडु के मुख्य सचिव राजीव रंजन ने हिस्सा लिया था। रंजन ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना के प्रसार पर नियंत्रण करने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा गठित दिशानिर्देशों का पालन कर रही है।
वायरस पर करीबी से निगरानी रखी जा रही है और जरूरत के हिसाब से प्रतिबंधों को तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव ने 11 राज्यों के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। बैठक में उन राज्यों, जहां कोरोना दर 5 प्रतिशत है, में कोविड 19 के पॉजिटिव दर को नीचे लाने का निर्णय लिया गया। तमिलनाडु में यह दर 5 प्रतिशत से कम है।