याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता विजय नारायण ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए टोकन पर इस तरह के चित्र लगाने से बचने के लिए 30 दिसंबर को राशन की दुकानों को दो परिपत्र जारी किया गया था। जिसके बाद डीएमके के वरिष्ठ एडवोकेट पी. विल्सन ने कोर्ट से सरकार को टोकन पर चित्र नहीं छापने का निर्देश देने का आग्रह किया था। गिफ्ट हैंपर पर मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और संबंधित जिलों के मंत्रियों के चित्र छापे जा रहे हैं। इसके अलावा एआईएडीएमके सदस्यों द्वारा राज्य भर में लोगों को टोकन प्रदान किया जा रहा है।
इससे ऐसा प्रतित होता है कि पार्टी इसका भुगतान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से सरकारी खजाने का उपयोग कर व्यक्तिगत प्रचार किया जा रहा है। डीएमके के अनुसार मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मंत्री के चित्र और एआईएडीएममके के चुनाव चिन्ह के साथ टोकन जारी हो रहा है, जिसको देखकर ऐसा लगता है कि सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा यह गिफ्ट दिया जा रहा है।