महानगर में शुक्रवार को कोरोना पॉजीटिव के ३५ मामले आने के साथ ही प्रशासन में हडक़म्प मच गया था। चेन्नई में बढ़ते संक्रमण को रोकने के तहत इस अभियान को शुरू किया गया है जिसका मकसद यह जांचना भी है कि सामुदायिक संक्रमण के हालात तो नहीं पनप गए है।
अधिकारियों के अनुसार महानगर निगम के सभी आवासों की प्रतिदिन जांच करने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है। रोजाना बुखार, खांसी व सांस में तकलीफ जैसे लक्षणों का पता लगाया जाएगा। किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण मिलते हैं तो उसकी गंभीरता को देखते हुए निगम उसकी दवाएं देगा और ज्यादा जरूरी हुआ तो स्वास्थ्य विभाग के अधीन अस्पतालों में मरीज के आगे की उपचार की व्यवस्था की जाएगी।
13100 समूह
इस कार्यक्रम के तहत महानगर की दस लाख इमारतों को ७५ से १०० के ग्रुप में विभक्त कर १३१०० समूह बनाए जाएंगे। इस अभियान की जिम्मेदारी १६ हजार फील्ड कर्मचारियों पर होगी। ये कर्मचारी ९० दिनों तक लगातार जांच कार्य करेंगे। उनके द्वारा किए गए सर्वे का रिकार्ड रखते हुए लोक स्वास्थ्य की निगरानी रखी जाएगी।
15000 का संवद्र्धित वेतन
निगम ने इस कार्य में लगे कर्मचारियों के लिए मासिक १५ हजार रुपए के संवद्र्धित वेतन की भी घोषणा की है। उनको सभी निजी सुरक्षा उपकरण व प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चेन्नई महापालिका ने महानगर की जनता से आग्रह किया है कि वह इन फील्ड कर्मचारियों को पूरा सहयोग दें।