इससे पूर्व विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन पूरी तरह से सौर उर्जा युक्त हुआ था। विजयवाड़ा रेलवे स्टेशन पूर्णत: सौर उर्जा से युक्त होने वाला देश का पहला रेलवे स्टेशन था। अब इस सूची में सेंट्रल चेन्नई रेलवे स्टेशन का नाम भी जुड़ गया है।
ट्रेन संचालन के दौरान हमारे वातावरण को गलोबल वार्मिंग के रूप में किसी भी प्रकार की क्षति न हो इसके लिए सभी रेलवे स्टेशनों को सौर उर्जा से युक्त किया जा रहा है। इस दिशा में चेन्नई सेन्ट्रल रेलवे द्वारा पूर्णत: सौर उर्जा से युक्त होना प्रशंसनीय है।
डा. एमजीआर चेन्नई सेट्रंल रेलवे स्टेशन में 1.5 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित की गई है और दिन के दौरान स्टेशन की सभी बिजली की जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा किया जाता है।
एससीआर (साउथ सेंट्रल रेलवे) भारतीय रेलवे में ‘एनर्जी न्यूट्रल’ रेलवे स्टेशनों की अवधारणा के साथ आने वाला पहला जोन है, जो लगभग 13 स्टेशन भवनों पर लगे सोलर फोटो वोल्टाइक (एसपीवी) पैनलों के माध्यम से प्राकृतिक सौर ऊर्जा का दोहन कर 100 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।
चेन्नई सेंट्रल स्टेशन की ड्रोन फोटो को साझा करते हुए डीआरएम चेन्नई ने कहा हमारे अपने पुराची थलाइवर डॉ. एम.जी.रामचंद्रन सेंट्रल या चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का एक और विहंगम दृश्य! चेन्नई सेंट्रल, एमएमसी कॉम्प्लेक्स, काटपाडि, ताम्बरम, माम्बलम, गिण्डी और चंगलपेट उपनगरीय स्टेशनों और कई अन्य रेलवे कार्यालयों जैसे विभिन्न स्थानों और रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा पैनल स्थापित किए गए हैं। 13 स्टेशनों पर लाइट, पंखे, पंप और अन्य बिजली के उपकरणों की सभी बिजली की जरूरतों को सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरा किया जाता है और यह इन स्टेशनों पर शुद्ध पारंपरिक ऊर्जा खपत को शून्य पर ला रहा है।