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चेन्नई के न्यूरोसर्जन हत्याकांड में सात साल बाद आया फैसला, 7 को मौत की सजा और दो को आजीवन कारावास

locationचेन्नईPublished: Aug 04, 2021 06:27:13 pm

Submitted by:

PURUSHOTTAM REDDY

– एक आरोपी को बरी किया

चेन्नई.

चेन्नई के प्रसिद्व न्यूरोसर्जन डॉ एसडी सुब्बैया की नृशंस हत्या के सात साल बाद प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने बुधवार को दस में से सात आरोपियों को मौत की सजा और दो अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सात दोषियों में दो अधिवक्ता हैं। अपना फैसला सुनाते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-1 एस. अल्ली ने एक आरोपी को बरी कर दिया, जब वह सरकारी गवाह बन गया और उसे अभियोजन पक्ष का गवाह माना गया।

मामला पारिवारिक भूमि विवाद से जुड़ा था। न्यूरोसर्जन की उसके परिवार के सदस्यों ने सुपारी दी थी। 14 सितम्बर, 2013 को गिरोह ने प्रसिद्व न्यूरोसर्जन डॉ एसडी सुब्बैया की कू्ररता से हत्या कर दी थी। गिरोह ने उसके आवास के सामने दिन-दहाड़े बेरहमी से वार कर हत्या कर दी थी। नौ दिन तक अस्पातल में मौत से लड़ते हुए डा. एसडी सुब्बैया ने दम तोड़ दिया था।

हत्या के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर डॉ जेम्स सतीश कुमार और गुर्गे मुरुगन, सेल्वप्रकाश, अयप्पन, स्कूल शिक्षक पोन्नुसामी, उनकी पत्नी पी मैरी पुष्पम और उनके बेटे पी बासिल (पेशे से वकील हैं), पी बोरिस और येसुराजन को गिरफ्तार किया।

मुख्य आरोपी अधिवक्ता बी. विलियम्स भूमिगत हो गया था। हत्या के वारदात के लगभग पांच साल बाद एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने गुरुवार के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। चूंकि दो आरोपी स्वास्थ्य कारणों से अदालत में पेश नहीं हो सके, इसलिए बुधवार को आदेश सुनाया गया।

फैसले वाले दिन न्यायाधीश ने 10 में से नौ आरोपियों को इस आधार पर दोषी ठहराया कि अभियोजन पक्ष ने आरोपों को संदेह से परे साबित कर दिया। बाद में शाम को सजा की घोषणा करते हुए न्यायाधीश ने सात आरोपियों- पोन्नुसामी, तुलसी, बोरिस, विलियम्स, डॉ जेम्स सतीश कुमार, मुरुगन और सेल्वप्रकाश को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराधों के लिए दोहरी मौत की सजा सुनाई। दो अन्य आरोपियों मैरी पुष्पम और येसुराजन को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है, जबकि अयप्पन को सरकारी गवाह बनने के बाद बरी कर दिया गया।

अयप्पन के अनुसार, मुख्य आरोपी पोन्नुसामी सर्जन का रिश्तेदार है। दोनों के बीच कन्याकुमारी के अंजुग्रामम गांव में संपत्ति विवाद चल रहा था, जो हत्या का कारण बना।

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