चेन्नई. तमिलनाडु में मानसून के दस्तक देने में केवल डेढ़ माह का समय शेष है जबकि Greater
Chennai Corporation ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा जारी महानगर में ड्रेनेज और सीवरेज का काम अभी तक पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। इस अधूरे कार्य का परिणाम यात्री एवं वाहन चालक भोग रहे हैं। इतना ही नहीं टांजेडको ने भी पिछले एक साल से अंडरग्रांउड बिजली की केबल बिछाने का काम चला रखा है लेकिन विडम्बना यह है कि न तो अभी तक ड्रेनेज का काम पूरा हो पा रहा है और न ही उसके लिए खोदे जाने वाले गड्ढे भरे जा रहे हैं। नतीजतन राहगीरों को सडक़ किनारे आवाजाही करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। कई बार अनजाने में लोगों को हादसे का शिकार भी होना पड़ता है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले शुक्रवार को मांउट रोड पर तारापुर टावर के पास एलआईसी बस स्टॉप के पास एक महिला यात्री पीछे खुदे हुए गड्ढे में गिरकर घायल हो गई थी। वहां बस का इंतजार कर रहे यात्रियों के अनुसार इस बस स्टॉप पर शाम के समय अक्सर यात्री चोटिल हो रहे हैं। मालूम हो कि इस मार्ग पर लम्बे समय से बिजली की केबल बिछाने के लिए गड्ढा खोदा हुआ है जिसके कारण बस स्टॉप पर यात्रियों को खड़े रहने को जगह नहीं मिलती जबकि इस बस स्टॉप से प्रतिदिन हजारों के संख्या में यात्री बसों से आवाजाही करते हैं।
कमोबेश यही स्थिति टीनगर में वेंकटनारायण रोड पर भी है। वहां ड्रेनेज का काम तो पूरा हो गया है लेकिन उसके साइड के गड्ढे को सही तरीके से भरा नहीं गया है जिसके कारण सडक़ किनारे कई जगह ड्रेनेज का गड्ढा जस का तस है जो आमजन के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। उधर राजाजी सालै पर विधानसभा भवन के आसपास हार्बर के गेट संख्या १० के सामने भी ड्रेनेज का निर्माण कार्य अधरझूल में ही लटका हुआ है, जबकि इस मार्ग पर १५ अगस्त को ध्वजारोहण होना है। सरदार पटेल रोड पर गांधी मंडपम के पास भी ड्रेनेज का काम पूरा नहीं पाया है जबकि इस मार्ग से आवाजाही कर रहे वाहन चालकों को गड्ढे में गिरने का भय बना रहता है।
बैरीकेड्स लगाना जरूरी
यात्रियों का कहना है कि महानगर में कई मार्गों पर ड्रेनेज और सीवरेज लाइन के निर्माणाधीन होने के कारण सडक़ अस्त व्यस्त है जबकि वहां से बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही जारी है, इसलिए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को इन खतरे की जगहों पर बैरीकेड्स लगाने चाहिए ताकि किसी वाहन चालक या पैदल यात्री को नुकसान न हो।
एक बाइक सवार आनंदन ने बताया कि पिछले दिनों टीनगर में वेंकटनारायण रोड पर रात के समय वह गड्ढे में गिर गया जिससे उसे आंशिक चोटें भी आई। उसने बताया कि इस मार्ग पर कई शिक्षण संस्थान हैं जिनमें माता पिता अपने बच्चों को छोडऩे आते हैं। इसलिए इस रोड का काम समय पर होना अत्यावश्यक है।
वहीं अडयार निवासी जीवेंन्द्रन ने बताया कि गांधी मंडपम के पास अक्सर लोग गड्ढे में गिर जाते हैं। यहां कई स्कूल और कॉलेज हैं जहां लोगों की आवाजाही हजारों में होती है, ऐसे में गे्रटर चेन्नई कॉर्पोरेशन को यहां बैरीकेड्स लगाने चाहिए। इसके अलावा बोग रोड, राजा अन्नामलै रोड, पीएच रोड, अन्ना सालै, सणमुगा सालै समेत बड़ी संख्या में सडक़ किनारे ड्रेनेज का काम अधूरा पड़ा है। जिस मार्ग पर काम पूरा हो भी गया है वहां कई जगह गड्ढे को पूर्ण रूप से भरा नहीं गया है जिसके कारण सडक़ हादसे होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार महानगर में अब तक १८९४ किलोमीटर ड्रेनेज निर्माण कार्य पूरा किया गया है जो ७३५१ छोटी बड़ी सडक़ों पर हुआ है। कॉर्पोरेशन अधिकारियों से जब महानगर में जगह खोदे गए गड्ढे के कारण हो रहे सडक़ हादसे के बारे में सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि सभी जोनल कार्यालयों को निर्देश दे दिया गया है कि निर्माणाधीन साइड पर कार्य कर रहे इंजीनियर हादसे होने वाली जगह पर बैरीकेड्स लगवाएं। उनका कहना था कि आगामी दो महीने में महानगर की सभी सडक़ों पर ड्रेनेज का काम पूरा हो जाएगा। और गड्ढे भी भर दिए जाएंगे।
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