चेन्नई में 15 ठिकानों पर छापेमारी हुई
यह छापेमारी चेन्नई, कोयम्बत्तूर और कांचीपुरम स्थित 60 से अधिक स्थानों पर की जा रही है। चेन्नई में एमआरसी नगर, कोडम्बाक्कम, आलवरपेट में दो परिसर, मईलापुर, तैनाम्पेट में दो परिसर, अरुम्बाक्कम, मोगाप्पेयर वेस्ट, वेलचेरी, अडयार, विल्लीवाक्कम में दो ठिकानें, माधवरम सहित 15 ठिकानों पर ताबडतोड़ एक साथ छापेमारी शुरू हुई।
वेलुमणि पूर्व मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार में स्थानीय प्रशासन मंत्री थे और अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में कोयम्बत्तूर और पश्चिमी बेल्ट में अधिकांश सीटों को जीतने में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2014 से 2018 तक जब वेलुमणि नगर प्रशासन मंत्री थे, तो उनके साथ निकटता से जुड़ी कंपनियों को आवंटित कुल निविदाएं लगभग 464.02 करोड़ रुपए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन में और कोयम्बत्तूर नगर निगम में लगभग 346.81 करोड़ रुपए दिए गए। इन दोनों निकायों के अधिकारियों ने वेलुमणि के निर्देशानुसार निविदाएं प्रदान करते समय निविदाओं में तमिलनाडु पारदर्शिता अधिनियम और अन्य नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया।
तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने वेलुमणि के खिलाफ शिकायत को फिर से खोलने और जांच करने का फैसला किया है जो पहले अन्नाद्रमुक के सत्ता में होने पर बंद कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच और हलफनामा दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया था।
राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) अरापोर इयक्कम की शिकायत से सहमत है। सोमवार को डीवीएसी ने वेलुमणि, उनके सहयोगियों और अज्ञात अधिकारियों सहित 17 व्यक्तियों/कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी डीएमके सांसद आरएस भारती और अरापोर इयक्कम के संयोजक वी. जयरामन के शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी।