डीएसपी केएस हेमचित्रा की अगुवाई में इंस्पेक्टर एस. विजय, एम. रजनीकांत और एस. विजयलक्ष्मी सहित १५ से अधिक पुलिसकर्मियों की टीम ने पेनात्तूर स्थित दुकान संंख्या ११३४० और १११२० पर रेड मारी। इसके अलावा ओल्ड बस स्टैंड के पास स्थित दुकान संख्या १११११ पर भी छापेमारी हुई। यह कार्रवाई गुरुवार रात आठ बजे से शुरू हुई जो सुबह ७ बजे तक चली।
डीवीएसी के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को मिलाद उन नबी की वजह से अवकाश का दिन था और ठेके बंद थे। लेकिन इसके बाद भी अवैध तरीके से शराब बेचे जाने की खबर पर यह कार्रवाई की गई। हमारे पास सूचना थी कि बीयर पर १० रुपए तथा अन्य तरह की शराब पर पांच रुपए अधिक वसूले जा रहे थे। इन ठेकों के खातों की जांच में भी तय से अधिक कीमत वसूलने की बात का खुलासा हुआ।
१५ से २० हजार की अधिक वसूली
सूत्रों के अनुसार ठेकों को औसत गल्ला ६ से ७ लाख रुपए का होता है लेकिन कालाबाजारी व अधिक वसूली से वे १५ से २० हजार रुपए ज्यादा कमा रहे थे। छापेमारी में ६० हजार की बेहिसाब नकदी भी जब्त की गई है। तस्माक कर्मचारी संघ ने एमआरपी उल्लंघन और कालाबाजारी की आलोचना की है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि केरल की तरह तमिलनाडु की तस्माक की दुकानों के कर्मचारियों का वेतन बढऩा चाहिए। वहां सुपरवाइजर को चालीस हजार रुपए मिलते हैं जबकि यहां तनख्वाह ११ हजार है। साथ ही अधिकांश कर्मचारी संविदा पर हैं।