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मैन्युअल रजिस्टर होंगे बीते जमाने की बात, अब डिजीटल से जोड़ने की तैयारी, विकसित किया जाएगा साफ्टवेयर

locationचेन्नईPublished: Dec 07, 2021 10:51:20 pm

मैन्युअल रजिस्टर होंगे बीते जमाने की बात, अब डिजीटल से जोड़ने की तैयारी- विकसित किया जाएगा साफ्टवेयर

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चेन्नई. प्रधानाध्यापकों और अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के बोझ को कम करने के लिए स्कूलों में सभी रजिस्टरों और दस्तावेजों को डिजिटाइज़ करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में प्रत्येक सरकारी स्कूल छात्रों और शिक्षकों के लिए 15 से अधिक रजिस्टर रखे जाते है। इनमें फ्रीबीज पर रजिस्टर, स्कूल डेवलपमेंट फंड, लाइब्रेरी, नॉन-टीचिंग स्टाफ और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के दस्तावेज, स्टूडेंट्स के हेल्थकेयर कार्ड और लैब बुक शामिल हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हालांकि शिक्षा प्रबंधन सूचना प्रणाली (ईएमआईएस), स्कूलों, शिक्षकों और छात्रों को जोड़ने वाला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, लेकिन हेडमास्टरों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के पास डेटा संग्रहीत करने के लिए सीमित विकल्प हैं। कई सरकारी स्कूलों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कम संख्या के कारण, शिक्षकों द्वारा मैनुअल रजिस्टर का रखरखाव किया जाता है। यह न केवल उनके लिए एक अतिरिक्त बोझ है, बल्कि अतिरिक्त कार्य भी है जो शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।
रजिस्टरों को सुरक्षित रखने के लिए उचित रखरखाव की सुविधा नहीं
अधिकारी ने कहा कि यह देखते हुए कि राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों, जिनकी संख्या 46,000 से अधिक है, में डेस्कटॉप कंप्यूटर हैं, सभी मैनुअल दस्तावेजों को डिजिटाइज़ करने का निर्णय लिया गया। ऑनलाइन सिस्टम प्रोजेक्ट के पहले चरण के दौरान मौजूदा मैनुअल डेटा को डिजिटाइज़ किया जाएगा। वर्तमान में पुराने दस्तावेजों का संग्रहण करने में बहुत समय लगता है। इसके अलावा कई स्कूलों में रजिस्टरों को सुरक्षित रखने के लिए उचित रखरखाव की सुविधा या आवश्यक स्थान नहीं है।
सूचना प्रौद्योगिकी विंग देखेगी डिजिटाइज़ काम
अधिकारी ने कहा कि ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा शुरू करने से पहले अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन हो। विभाग ने कुछ ऐसे मैनुअल रजिस्टरों की भी पहचान की है जो अब उपयोगी नहीं हैं, जिनका भविष्य में रखरखाव नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी विंग को मैनुअल सिस्टम को डिजिटाइज़ करने का काम सौंपा जाएगा।
ऑनलाइन उपयोगकर्ता के अनुकूल सॉफ्टवेयर जो विकसित किया जाएगा, उसे स्कूल के कर्मचारियों, विशेष रूप से हेडमास्टरों द्वारा एक्सेस किया जा सकता है और ईएमआईएस से जोड़ा जा सकता है।
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