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छात्रों के शिक्षा मानकों में भारी गिरावट, स्कूलों में प्राथमिक स्तर के छात्र अक्षर भी भूल गए

locationचेन्नईPublished: Jan 25, 2022 11:43:51 pm

छात्रों के शिक्षा मानकों में भारी गिरावट- स्कूलों में प्राथमिक स्तर के छात्र अक्षर भी भूल गए

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चेन्नई. प्राथमिक कक्षा के छात्रों के शिक्षा मानकों में भारी गिरावट आई है शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा है कि जल्द से जल्द स्कूलों को फिर से खोलें।
इल्लम थेदी कल्वी (घर के दरवाजे पर शिक्षा) योजना पर काम करते हुए, यह पाया गया कि लगभग 90 प्रतिशत छात्रों, विशेष रूप से सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 3 तक के छात्रों को बुनियादी अक्षर और संख्यात्मक अक्षर पढ़ने और लिखने में गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सरकारी स्कूल के कक्षा 4 से 8 तक के छात्रों के पास अगली कक्षा में पदोन्नत होने के लिए आवश्यक योग्यता नहीं है। इससे पहले कई निजी स्कूलों ने बताया था कि ऑनलाइन कक्षाएं शिक्षा प्रदान करने में असफल साबित हो रही हैं। निजी स्कूलों ने भी स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति मांगने के लिए राज्य सरकार को कई अभ्यावेदन दिए थे। सरकार नवंबर में कक्षा 1-8 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कमर कस रही थी। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा संकेत दिए जाने के बाद निर्णय को टाल दिया गया था कि कोविड महामारी की तीसरी लहर जल्द ही राज्य को प्रभावित कर सकती है।
मुख्यमंत्री से अनुमति मांगी
तमिलनाडु नर्सरी, मैट्रिक और सीबीएसई स्कूल एसोसिएशन के एक पदाधिकारी ने बताया कि किंडरगार्टन के लिए कक्षाएं फिर से खोलने के लिए मुख्यमंत्री से अनुमति मांगी गई है। अधिकांश निजी स्कूल प्राथमिक स्तर के लिए ऑनलाइन कक्षाएं ठीक से संचालित नहीं कर सकते हैं। ऑनलाइन कक्षाएं उच्च मानकों के लिए भी व्यक्तिगत सत्र की जगह नहीं ले सकती हैं। इसलिए स्कूलों को फिर से खोलना आवश्यक है।
सामान्य स्थिति लौटने के तुरंत बाद स्कूलों को फिर से खोलना चाहिए
तमिलनाडु शिक्षक संघ के अध्यक्ष पीके इलामरन ने उनसे सहमति जताते हुए कहा कि उन्हें राज्य भर के शिक्षकों से रिपोर्ट मिल रही है कि सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक स्तर के छात्र अक्षर भी भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सामान्य स्थिति लौटने के तुरंत बाद स्कूलों को फिर से खोलना चाहिए। इलामारन ने चेताया, नहीं तो स्थिति और खराब हो जाएगी। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने शिक्षकों की रिपोर्टों पर ध्यान दिया है,और यह सुनिश्चित करने के लिए स्थिति का गंभीरता से अध्ययन कर रहे हैं कि तीसरी लहर के नियंत्रण में आते ही स्कूल फिर से खुल जाएं। वर्तमान में, लगभग 40,000 सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के 40 लाख से अधिक छात्र और लगभग दो लाख शिक्षक हैं।

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