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शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति भारत की पहचान: राज्यपाल

locationचेन्नईPublished: Nov 19, 2018 10:46:20 pm

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति हमारे देश की पहचान है। हमारी संस्कृति महान है। हमारे देश की संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है जिसे पहले मुगलों और फिर अंगे्रजों ने तहस-नहस करने का प्रयास किया लेकिन यह अटूट संस्कृति आज भी हमारे बीच बनी हुई है क्योंकि हमारी संस्कृति धर्म पर आधारित है।
 

Education, Knowledge and Culture India's Identity: Governor

Education, Knowledge and Culture India’s Identity: Governor

चेन्नई।तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मंगलवार को कहा कि शिक्षा, ज्ञान और संस्कृति हमारे देश की पहचान है। हमारी संस्कृति महान है। हमारे देश की संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है जिसे पहले मुगलों और फिर अंगे्रजों ने तहस-नहस करने का प्रयास किया लेकिन यह अटूट संस्कृति आज भी हमारे बीच बनी हुई है क्योंकि हमारी संस्कृति धर्म पर आधारित है।


पुरोहित ने रॉयपेट्टा स्थित म्यूजिक अकादमी में श्री सनातन धर्म विद्यालय एसोसिएशन के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित शताब्दी समारोह ‘सफर’ को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

सौ साल पुराना पौधा बना वट वृक्ष

मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित बनवारीलाल पुरोहित ने श्री सनातन धर्म विद्यालय एसोसिएशन के कार्य को सराहनीय बताते हुए कि सौ साल पहले लगाया गया पौधा आज वट वृक्ष बन गया है।
इन सौ वर्षों में चार पीढिय़ों ने लगन से पौधे को सींचा और इस मुकाम तक पहुंचाया। सौ साल का सफर आसान नहीं होता, इसके लिए भूतपूर्व सचिव, अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष सहित सैकड़ों सदस्यों ने आहूति दी है। विद्या का क्षेत्र पवित्र है। एसएसडीवी संघ संस्कार पर भी उतना ही जोर दे रहा है जितना विद्या के क्षेत्र में दे रहा है।ञ। समय के अनुकूल स्कूल ने बच्चों के भविष्य को लेकर बदलाव किए।

राज्यपाल ने राजस्थानी समाज को अग्रणी बताया। समाज की सिंपलीसिटी और सिंपल लीविंग को बेहतर बताया। श्री सनातन धर्म विद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष एच.के. जावर ने स्वागत भाषण दिया। संघ के महासचिव के. जी. बहटी ने संघ के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्षों, सचिवों एवं अन्य पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन अशोक मूंदड़ा ने किया। एस.पी. बहटी ने धन्यवाद भाषण दिया।

विदेश में डा.बत्रा ने दिया प्रजेंटेशन

होमियोपैथी की भूमिका पर वैज्ञानिक अध्ययन

डा. बत्रा मल्टी स्पेशलिटी होमियोपैथी ने देश का नाम विदेशों में गौरवान्वित किया है। हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने 73वें लिगा मेडिकोरम इंटरनेशनल होमियोपैथी सम्मेलन में होमियोपैथी की भूमिका को उजागर करते हुए वैज्ञानिक अध्ययन प्रस्तुत किया। यह सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में हुआ था। चिकित्सकों ने सोरायसिस (त्वचा विकार) के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में होमियोपैथी की भूमिका के बारे में बताया। साथ ही उनकी दुर्दशा को भी सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि होमियोपैथी के जरिए इसका इलाज जड़ से किया जा सकता है। डा.बत्रा कंपनी समूह के प्रबंध निदेशक डा. अक्षय बत्रा ने बताया कि देश में होमियोपैथी के क्षेत्र में शोध व विकास कार्य प्रगति पर है। 29 अक्टूबर को सोरायसिस से पीडि़त रोगियों के लिए वल्र्ड डे मनाया जाएगा। इस दिन जागरूकता फैलाने के साथ साथ सूचना का प्रचार प्रसार किया जाएगा।

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