प्रदर्शन से पहले सेकंड ग्रेड शिक्षक संघ के सदस्यों ने स्कूली शिक्षा मंत्री केए सेंगोट्टयन से मुलाकात कर अपनी परेशानी सुनाई थी। मुलाकात के दौरान मंत्री के जवाब से नाखुश होकर सैकड़ों शिक्षक परिसर में पहुंचे और प्रदर्शन कर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अन्य शिक्षकों की तुलना में उन लोगों का वेतन बहुत ही कम है जबकि हम भी वेतन ज्यादा पाने वाले शिक्षकों के बराबर ही कार्य करते हैं। संघ के सचिव ने बताया कि वर्ष २००९ में नियुक्त हुए शिक्षकों को प्रतिमाह ११,३०० रुपए वेतन मिलता है, जबकि उसके बाद नियुक्त हुए शिक्षकों को सिर्फ ७,४०० रुपए वेतन दिया जाता है। इसके अलावा २१ हजार से अधिक शिक्षकों को प्रतिमाह ३ हजार रुपए वेतन दिया जाता है।
इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वन मैन कमीशन बनाने के आश्वासन के बाद भी पिछले दस सालों में अब तक किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है।
चिंता व प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं, प्लांट को लेकर सरकार का रुख साफ : जिला कलक्टर
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा स्टरलाइट कॉपर प्लांट को संचालित करने की अनुमति दिए जाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा यथास्थिति कायम रखने के आदेश के बाद स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मुलाकात कर एनजीटी के आदेश का विरोध किया। महिलाओं और बच्चों ने जिला कलक्टर संदीप नंदूरी से मुलाकात कर इस बारे में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्थानीय लोगों ने कहा कि तमिलनाडु सरकार को स्टरलाइट प्लांट को फिर से नहीं खुलने देना चाहिए।
ज्ञापन प्राप्त करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कलक्टर ने कहा जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि प्लांट को लेकर राज्य सरकार अपने निर्णय पर अटल रहेगी। प्लांट को वापस नहीं खोलने दिया जाएगा। अपनी अगलीे कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी। ऐसे में चिंता या किसी प्रकार का प्रदर्शन करने की कोई जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि तुत्तुकुड़ी प्लांट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई गोलीबारी में 13 जने मारे गए थे। इसके बाद सरकार ने प्लांट को स्थाई रूप से बंद करने के आदेश जारी किए थे। कंपनी ने इस आदेश को एनजीटी में चुनौती दी थी। एनजीटी ने प्लांट के मुआयने के लिए विशेषज्ञों की समिति भेजी। समिति ने प्लांट संचालन के पक्ष में अपनी राय दी।
उसके बाद एनजीटी ने हाल ही राज्य सरकार के प्लांट बंदी के आदेश को खारिज कर दिया था। एनजीटी ने स्टरलाइट को बंद करना ‘अन्यायपूर्ण’ बताया था। न्यायाधिकरण ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि 3 सप्ताह के भीतर कॉपर प्लांट को खोलने को लेकर नया आदेश जारी किया जाए। एनजीटी के इस आदेश को रद्द करने की मांग को लेकर तुत्तुकुड़ी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। दायर याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा यथास्थिति कायम रखने के आदेश दिए गए थे।